
गुरु पर्व से ठीक पहले मोदी सरकार ने सिख समुदाय के श्रद्घालुओं को बड़ा तोहफा दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कोरोना महामारी के कारण बंद किए गए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को बुधवार से फिर से खोलने की घोषणा की है। गौरतलब है कि चंद महीने बाद ही पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं।
शाह ने ट्वीट के जरिए कहा कि एक बड़े फैसले के तहत मोदी सरकार ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को 17 नवंबर से दोबारा खोलने का फैसला किया है। इससे बड़ी संख्या में सिख श्रद्घालुओं को लाभ होगा। यह फैसला श्री गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय को ले कर मोदी सरकार की अपार श्रद्घा को दर्शाता है।
दूसरे ट्वीट में शाह ने कहा, देश 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव मनाने के लिए तैयार है। मुझे भरोसा है कि मोदी सरकार के इस फैसले से देश भर में आनंद में बढ़ोत्तरी होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले पंजाब के भाजपा नेताओं ने कॉरिडोर फिर से खोलने की मांग करते हुए रविवार को पीएम से मुलाकात की थी। इसके बाद पंजाब और दिल्ली के नेताओं ने राष्ट्रपति और गृह मंत्री से मुलाकात कर इसी आशय की मांग की थी। इससे भी पहले पंजाब कांग्रेस, अकाली दल ने भी पीएम ने इसी आशय का अनुरोध किया था।
पंजाब के सीएम ने पीएम और गृह मंत्री को पत्र भी लिखा था। करतारपुर गलियारा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब, पाकिस्तान को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है।
पहले जत्थे में 250 लोग, टीका निगेटिव आरटीपीसीआर जरूरी
कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 से इस गलियारे को बंद कर दिया गया था। शुक्रवार को गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के लिए श्रद्धालु पूरे कोरोना नियमों का पालन करते हुए दर्शन के लिए जा सकेंगे। पहले जत्थे में 250 श्रद्धालु जाएंगे और सभी यात्रियों के लिए टीकाकरण और निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट जरूरी है।
चन्नी ने किया स्वागत, पहले जत्थे में जाएगा पूरा मंत्रिमंडल
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए बताया कि उनका पूरा मंत्रिमंडल 18 नवंबर को रवाना होने वाले जत्थे में शामिल रहेगा। चन्नी ने कहा, हमारी प्रार्थना रंग लाई।
मैंने पीएम, गृहमंत्री से गलियारा खोलने की मांग की थी और आखिर इसे खोलने का फैसला लिया गया। इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
चन्नी के अलावा पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग और अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी केंद्र के इस फैसले की सराहना और स्वागत किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही मंगलवार की सुबह पीएम नरेंद्र मोदी से इस गलियारे को खोलने की मांग की थी। सिद्धू ने इसे सिख समुदाय के लिए अमूल्य उपहार बताया है।
फैसले के सियासी मायने
इस फैसले को पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि पंजाब में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य रूप से सिख बिरादरी ही आंदोलनरत है। इस फैसले के जरिए सरकार ने सिख समुदाय को सकारात्मक सियासी संदेश देने की कोशिश की है।
क्यों रुकी थी यात्रा?
करतारपुर गलियारे का उद्घाटन पीएम ने दो वर्ष पूर्व नौ नवंबर को किया था। हालांकि बीते साल अगस्त महीने में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच इस यात्रा पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने भी इस दिशा में सकारात्मक संदेश दिया था। पहले जत्थे में पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह, उनकी पत्नी गुरशरण कौर, पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी दर्शन के लिए पाकिस्तान गए थे।