पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–14.3.22
पखांजुर-
करोड़ों रुपये के हाई ब्रीड बीज वितरण घोटाले मामले में सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार 1,36,93,113 रुपये का ब्याज अनुदान की राशि मे जोड़कर शासन कि ओर प्रस्तुत किया गया था, जिसमे 96,73,076 लाख रुपये का हाईब्रीड बीज प्रभारी प्रबंधक ने अपने ही निजी बीज दुकान देवनाथ कृषि केंद्र का बिल प्रस्तुत कर राशि निकाला और जो कमीशन समिति को मिलना था वह भी स्वयं रख लिया, समिति का कमीशन बिल्कुल शून्य ही रहा है। अपने बचाव के लिये प्रभारी प्रबंधक ने परलकोट विपणन से 1,98,82,809 लाख रुपये,पाल बीज भंडार से 5,82,049 लाख रुपये,शील बीज दुकान से 1,95,020 लाख रुपये, अधिकारी बीज दुकान से 304800 लाख रुपये,जयगुरु बीज दुकान से 51050 हजारु रुपये,साहा बीज दुकान से 9000 हजार रुपये, संजू कृषि केंद्र से 12100 हजार रुपये,विश्वास बीज दुकान से 47660 हजार रुपये एवं अन्य दुकानों से 835549 लाख रुपये का हाई ब्रीड बीज लिया और बिल लगवाया,इन सभी के ब्याज अनुदान की राशि को जोड़कर शासन की ओर प्रस्तुत किया।
मजे की बात तो यह है कि इस ब्याज अनुदान की राशि को जोड़कर शासन की ओर प्रस्तुत करने में बड़े कापसी लैम्पस प्रभारी प्रबंधक ने जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक नरेंद्र कुमार शर्मा से मिलकर ऑडिट करने आये ऑडिटरों से सांठगांठ कर ऑडिट करवा लिया।और शासन को लाखों रुपये का वित्तीयहानि पहुचाया।
इस ब्याज अनुदान पत्रक में अंतिम जांच उपरांत ही सी.ई.ओ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जगदलपुर के हस्ताक्षर के बाद ही राज्य शासन की ओर ब्याज अनुदान पत्रक प्रस्तुत किया जाता है।