कहानी एक कातिल बेटी की जिसने अपने ही पिता का किया था अजीबोगरीब तरीके से कत्ल

दिल्ली में साल 2014 में ख्याला इलाके में एक बुजुर्ग की lash मिली। पुलिस को सूचना दी गई तो मौके पर पहुंचकर पड़ताल की लेकिन फॉरेंसिक टीम को भी कुछ नहीं मिला। मृत बुजुर्ग के पास किसी भी तरह का पहचान पत्र नहीं मिला जिससे उसकी पहचान की जा सके। एक बुजुर्ग के साथ ऐसा मामला संगीन था और पुलिस लाश की तस्वीर जगह-जगह बंटवाकर लगातार इस पर काम कर रही थी।

वारदात की सूचना 30 अप्रैल को सुबह करीब 7 बजे मिली थी। दो दिन बीत गए थे कि तभी ख्याला थाने को राजौरी गार्डन पुलिस स्टेशन से सूचना मिली कि लाश की शिनाख्त हो गई है। जब पुलिस राजौरी गार्डन पहुंची तो दो युवतियों ने बताया कि यह तस्वीर उनके पिता दलजीत की है, वह पेशे से ड्राइवर थे। दलजीत 29 अप्रैल से लापता थे इसलिए वह रिपोर्ट लिखवाने आई थी। उन्होंने अपना नाम कुलविंदर और अमरजीत बताया।

यह युवतियां दोनों बहनें थी और दलजीत कुलविंदर के साथ रहते थे। कुलविंदर ने बताया कि 29 अप्रैल को सुबह 5 बजे ही किसी के फोन आने के बाद वह काम से बाहर गए थे। वह अक्सर हफ़्तों बाहर रहते थे इसलिए हमने दो दिन तक कोई चिंता नहीं की। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि दलजीत का कत्ल सुबह 4 बजे के करीब हुआ था। लेकिन हैरान करने वाली बात थी कि दलजीत के call detel में सुबह 5 बजे कोई कॉल गई ही नहीं।

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