रायगढ़ : अचानक कल दोपहर के बाद रायगढ़ शहर में राजनीति भूचाल आ गया जब कांग्रेस के प्रथम महापौर जेठूराम मनहर ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया इस्तीफा को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं और सोशल मीडिया में अफवाहें उड़ती रही हालांकि उनके विरोधी भी सोशल मीडिया में अफवाहें उड़ने में कहीं पीछे नहीं रहे लेकिन आज प्रथम महापौर जेठूराम मनहर ने मीडिया को बाइट देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि मैं कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया हूं ना की राजनीति से और आने वाले समय में अपने सहयोगीयो और रायगढ़ की जनता के लिए जो भी मुझसे बन पाएगा आगे भी काम करते रहूंगा उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति और क्रिकेट अनिश्चितताओं का है और मैं अपने मच से अपने लोगों अपने सहयोगीयो और रायगढ़ की जनता के लिए राजनीति से जुड़ा रहूंगा
प्रथम महापौर का क्या है राजनीति सफर : श्री मनहर ने 1994,95 में राजनीति में सक्रिय रहे और दो बार निर्दलीय पार्षद एक बार वार्ड नंबर 3औऱ वार्ड 12से जीत कर आए तों वही पहली बार 2004,5 में कांग्रेस के टिकट पर महापौर का चुनाव लड़े औऱ जीत हासिल हुईं महापौर रहते रहते कई कार्य शहर विकास के लिए किए जिसके बाद जेठूराम मनहर शहर के कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में उनकी गिनती होने लगी और लगातार कांग्रेस के तरफ से सक्रिय राजनीति में जुड़े रहे
कांग्रेस को हो सकता है नुकसान : जेठूराम मनहर एसटी जाति से आते है और हर वार्ड में एसटी जाती का बहुत बड़ा तपका निवासर्थ है इसके अलावा श्री मनोहर रायगढ़ की राजनीति को भली भांति समझते हैं औऱ शहर की जनता औऱ अपने समाज के लिए शक्रिय राजनीती से हमेशा जुड़े हुए है उनकी राजनीती में साफ सुथरा छवि के साथ ही हर वार्ड को अच्छे से समझते हैं और उनका 4 से 5 वार्डों में सीधा जनसंपर्क एवं जनाधार रहता है ऐसे में जेठूराम मनहर का कांग्रेस में नहीं रहना कांग्रेस के लिए नुकसान दायक हो सकता है