किसी भी चार्जर से चार्ज करते हैं अपना स्मार्टफोन? जान लें ये जरूरी बातें

हाई-टेक स्मार्टफोन्स के चार्जर भी आजकल बेहद अडवांस हो गए हैं। नई चार्जिंग टेक्नॉलजी वाले ये चार्जर आम चार्जर्स के मुकाबले महंगे भी होते हैं। वहीं, आजकल एक ट्रेंड देखा जा रहा, जिसमें बड़ी कंपनियां अपने प्रीमियम स्मार्टफोन्स के साथ चार्जर नहीं ऑफर कर रही हैं। इन स्मार्टफोन को खरीदने वाले यूजर्स को चार्जर के लिए अलग से पैसे देने पड़ते हैं। iPhone 13 सीरीज और सैमसंग गैलेक्सी S सीरीज के फ्लैगशिप फोन्स इसका एक उदाहरण हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जिन फोन के साथ चार्जर नहीं ऑफर किया जा रहा, उन्हें घर में पहले से मौजूद या किसी दूसरे फोन के चार्जर से चार्ज किया जा सकता है? यहां हम चार्जर से जुड़े कुछ ऐसे ही जरूरी सवालों का जवाब दे रहे हैं, ताकि आपके मन में चार्जर्स को लेकर मौजूद कन्फ्यूजन को दूर किया जा सके।

चार्जर का काम फोन की बैटरी तक इलेक्ट्रिसिटी पहुंचाना
सबसे पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी भी चार्जर से अपने फोन को चार्ज कर सकते हैं। चार्जर का मेन काम होता है, फोन की बैटरी तक इलेक्ट्रिसिटी पहुंचाना। हर चार्जर वॉट रेटिंग के साथ आता है और ज्यादा वॉट का मतलब होता है कि फोन की बैटरी जल्दी चार्ज होगी। चार्जर का वॉटेज वोल्ट और एम्पीयर का कैलकुलेशन होता है। मान लीजिए आपके चार्जर पर 5V-3A रेटिंग दी गई है, तो इसका मतलब आपका चार्जर 15 वॉट का है।

चार्जर के वॉटेज पर दें ध्यान
फोन के चार्जर को समझना इतना आसान भी नहीं है। इस बात स कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने अपने फोन की बैटरी को चार्ज करने के लिए कितने वॉट का चार्जर लगाया है। आपका फोन उतनी क्षमता को ही सपोर्ट करेगा जितनी कंपनी ने उसे लिमिट दी है। फोन की बैटरी को चार्ज होने में का चार्जर के अलावा कई सर्किट, चार्जिंग पोर्ट के टाइप, कूलिंग मेकनिज्म, करेंट ओवरफ्लो प्रोटेक्शन और सही बैटरी कॉन्फिगरेशन का तालमेल होना जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप अगर 20 वॉट की चार्जिंग को सपोर्ट करने वाले फोन की बैटरी को 120 वॉट या 65 वॉट के चार्जर से चार्ज करेंगे तो भी उसकी चार्जिंग स्पीड में आपको कोई फर्क नजर नहीं आएगा। ऐसा इसलिए है कि फोन को कंपनी ने 20 वॉट तक की चार्जिंग को सपोर्ट करने के हिसाब से ही तैयार किया है।

आ रहा दो बैटरी वाले स्मार्टफोन्स का जमाना
फास्ट चार्जिंग टेक्नॉलजी से फोन की बैटरी जल्दी तो चार्ज हो जाती है, लेकिन इसका काफी नुकसान भी है। फास्ट चार्जिंग से फोन की बैटरी का टेंप्रेचर तेजी से बढ़ता है और समय के साथ यह बैटरी की लाइफ को भी कम करता जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए अब कंपनियां ज्यादा mAh वाली बैटरी को दो हिस्सो में बांटकर फोन में लगा रही हैं। दो बैटरी वाले स्मार्टफोन्स भी अब मार्केट में आने लगे हैं। इनमें शाओमी 11i हाइपरचार्ज, शाओमी 11i के अलावा वनप्लस 9 प्रो और सैमसंग गैलेक्सी Z फोल्ड शामिल हैं।

कौन सा चार्जर इस्तेमाल करना सही?
फोन को चार्ज करने के लिए सबसे सही चार्जर वही होता है, जो कंपनी रिटेल बॉक्स में फोम के साथ ऑफर करती है। अगर आप कोई ऐसा फोन खरीद रहे हैं, जिसके साथ चार्जर नहीं आता , तो बेहतर यही होगा कि आप उसी कपैसिटी का चार्जर खरीदें जो कंपनी रेकमेंड करती है। वहीं, अगर आप चार्जर खराब होने के बाद कोई लोकल चार्जर खरीदते हैं, तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वह किसी अच्छी कंपनी का ही हो। बताते चलें कि आप आज के समय के किसी भी फोन को किसी भी चार्जर से चार्ज कर सकते हैं, अगर आपको फास्ट चार्जिंग टेक्नॉलजी से खास लेना-देना नहीं है।

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