

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला में कांसाबेल तहसील के टांगर गांव में स्टील प्लांट का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है, इस प्लांट को जशपुर के पर्यावरण व वन के साथ जनजातियों के हित के विरुद्ध बताते हुए जनजातीय सुरक्षा मंच खुलकर विरोध कर रही है, गत दिनों टांगर गांव में इस मामले को लेकर जनजातीय सुरक्षा मंच एक जनसभा का आयोजन भी कर चुकी है, सभा के आयोजन के बाद अब जनजातीय सुरक्षा मंच मामले को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुटी है। रणनीति तैयार करने के लिए राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत की उपस्थिति में अध्यक्ष नयू राम भगत की अध्यक्षता में 2 दिन पूर्व जनजातीय सुरक्षा मंच के जिला कार्यकारिणी की बांकीटोली स्थित मंच के राष्ट्रीय कार्यालय में बैठक आयोजित की गई इस बैठक में हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिलमन भगत और जशपुर से राम प्रकाश पांडे के साथ जिला उपाध्यक्ष चंद्रदेव यादव सन्ना के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, राम भगत, शिवनाथ भगत, अनुरंजन भगत, रोशन प्रताप, रामू शर्मा, विष्णु शर्मा, पलटू यादव, मनोज भगत, राकेश गुप्ता, महिला समिति एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। जनजातीय सुरक्षा मंच के इस अहम बैठक में टांगर गांव मामले को लेकर चली लंबी चर्चा के बाद प्रस्तावित स्टील प्लांट को लेकर हाईकोर्ट और ग्रीन ट्रिब्यूनल में जनहित याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया गया है, इस बैठक में जनजातीय सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने एक सुर में किसी भी कीमत में स्टील प्लांट न लगने देने का संकल्प दोहराते हुए कड़ा विरोध जारी करने का संकल्प लिया है। जानकारी के लिए बता दें कि कांसाबेल के टांगर गांव में निजी क्षेत्र की कंपनी मां कुदरगढ़ी स्टील इंडस्ट्रीज ने स्टील प्लांट स्थापित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है इसके लिए कंपनी तकरीबन 100 एकड़ जमीन भी इस गांव से खरीद चुकी है आगामी 4 अगस्त को टांगर गांव में प्लांट स्थापना को लेकर जनसुनवाई किया जाना है, इससे पहले ही मामले को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है टांगर गांव का एक बड़ा वर्ग प्लांट के विरोध में खड़े नजर आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी भी इस विवादित प्लांट के मामले में पार्टी का रुख साफ करने के लिए सांसद गुमती साए के नेतृत्व में 9 सदस्य टीम गठित कर चुकी है देखना होगा इस प्रस्तावित प्लांट को लेकर हाईकोर्ट और ग्रीन ट्रिब्यूनल किया रुख अपनाती है।