कुरदा के 9 मजदूर भूखे प्यासे रह रहे है जंगल में, सुध लेने वाला कोई नही
शोहेल खान आपकी आवाज जांजगीर
सक्ती। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण आज 9 मजदूर दाने दाने के लिए मोहताज हो गए है। हम बात कर रहे है सक्ती विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कुरदा की।
कुरदा के 9 मजदूर झारसुगड़ा स्थित वेदांत पावर प्लांट में ठेकेदार के अंडर मजदूरी का काम कर रहे थे, लॉक डाउन के बाद से काम बंद हो गया और इन दिहाड़ी मजदूरों को झारसुगड़ा में परेसानी होने लगी जिसके बाद वे 25 मार्च को झारसुगड़ा से अपने गांव के लिए पैदल निकले और 28 मार्च को ग्राम कुरदा पहुंचे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए गांव के सरपंच ने उन्हें गांव में घुसने नही दिया जिसके बाद से सभी 9 मजदूर गांव के बाहर जंगल मे भूखे प्यासे रह रहे है। गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र भी है और उन्हें मामले की जानकारी होने के बाद भी अब तक उन मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कल उप स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर के पास सभी 9 मजदूर गए थे लेकिन डॉक्टर ने उन्हें यह कहते हुए कि तुम्हारा इलाज यहां नही होगा वापस भेज दिया जिसके बाद से ही उन सभी मजदूरों को लेकर गांव के लोगों में असमंजस सी स्थिति बनी हुई है। अगर कुछ दिन और उन्हें खाने पीने का सामान नही मिला तो वे लोग भूख से जरूर मर जाएंगे। लॉक डाउन की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों की कमोबेश ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। शहरों पर तो पूरी मुस्तैदी है लेकिन ग्रामीणों की सुनने और देखने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है।