
कृषिउत्पाद दलहनतिलहन,सब्जी,बीज को बढ़ावा देने हेतु नाबार्ड की अनोखी पहल
दिनांक 17/6/2025 को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ( नाबार्ड ) की रायगढ़ जिले में अनोखी पहल देखने को मिल रहा है
रायगढ़ जिले के डीडीएम मिल्योर बड़ा द्वारा घरघोड़ा विकास खंड के समस्त आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों एवं मत्स्य पालन सहकारी समितियों के सदस्यों को एक छत के तले बुलाकर नाबार्ड के बैनर तले (world coopretive year),विश्व सहकारी ईयर के अवसर पर
दलहन तिलहन और फल एवं सब्जी /बीज उत्पादन/ एवं कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कार्य शाला ,एवं शिविर घरघोड़ा में आयोजित किया गया
जिसमें विकास खंड के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति (सोसायटी) घरघोडा, कुड़ूम केला, छर्रा टागर, नवापारा टेड़ा, कुर्मीभौना,के समिति के अध्यक्ष, सदस्यों,प्रबंधक, एवम् मत्स्य पालन सहकारी समिति, फगुरम, छर्रा टागर, कया के समिति के सदस्य, वन धन समिति बैहामुड़ा के सदस्यों, साथ ही साथ एपीओ कृषि उत्पादकता संघ कृषि प्रभा एंग्रोबीज लिमिटेड घरघोडा,रवि कोआपरेटिव घरघोड़ा के अध्यक्ष,प्रबंधक,सदस्य उपस्थित थे
उक्त शिविर में जन मित्रम कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री मनीष सिंह जी द्वारा दलहन ,तिलहन ,और सब्जी, बीज उत्पादन ,मछली पालन की कैसे बढ़ावा दे सकते है ,इस पर विशेष रूप से जानकारी प्रदान किया गया,साथ ही मछली पालन करने वाले समितियों को विशेष रूप से आग्रह किया कि आप सभी के पास प्रयाप्त संसाधन हैं
राबो डेम में मछली पालन करने वाले समिति का उदाहरण देते हुए अन्य समितियों को भी समझाइश दिया गया।
उसके पश्चात विकास खंड के मछली पालन निरीक्षक प्रशांत उरांव जी द्वारा मछली पालन से संबंधित समस्त सरकारी योजनाओं के बारे मे जानकारी दी गई कौन योजना में कितना छूट मिलता है ,किसका लाभ कौन कौन ले सकते है ,
साथ ही साथ नाबार्ड के डीडीएम श्री मिल्योर बड़ा जी द्वारा नाबार्ड द्वारा विश्व सहकारिता दिवस की बधाई देते हुए समस्त सरकारी समितियों के सदस्यों को कृषि उत्पाद को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है , साथ ही निर्यात के क्या क्या उपाय कर सकते है नाबार्ड द्वारा क्या सहयोग हो सकता है नाबार्ड सहकारी समिति को क्या क्या मदद कर सकता है
किसानों को क्या क्या लाभ दे सकते है
श्री बड़ा जी द्वारा यह भी बताया गया कि नाबार्ड कृषि ,एवं ग्रामीण किसानों ,समितियों के सहयोग के लिए नाबार्ड सदैव तत्पर रहता है
उन्होंने यथा संभव सहयोग हेतु आश्वाशन भी दिया गया
अंत में सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा अपना अपना अनुभव साझा करने को कहा गया उनके सहकारी समिति में उपलब्ध खाद बीज एवं kcc की जानकारी
आदि की जानकारी विस्तृत रूप से दिया गया
उसके पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा किया गया