सहारा इंडिया के निवेशकों ने रैली निकालकर कलेक्टर से मिले और कंपनी के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग


रैली को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अमर अग्रवाल ने समर्थन दिया। निवेशकों का कहना है कि आठ साल से सहारा-सेबी विवाद की वजह से अभिकर्ता व निवेशकों को पैसा नहीं मिल रहा है। इससे कई प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं।

बिलासपुर। सहारा इंडिया में पैसा जमा करने वाले निवेशकों ने मंगलवार को रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। रैली का नेतृत्व भाजपा नेता व पूर्व विधायक अमर अग्रवाल ने किया। इस दौरान निवेशकों ने कंपनी के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कानूनी करवाई करने की मांग की है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने करवाई करने का आश्वासन दिया है।

निवेशकों का कहना है कि आठ साल से सहारा-सेबी विवाद की वजह से अभिकर्ता व निवेशकों को पैसा नहीं मिल रहा है। इससे कई प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं। सभी अभिकर्ता व उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है। निवेशकों के भुगतान में देरी किया जा रहा है। सेबी के कुछ अधिकारियों की वजह से संस्था में 24 हजार करोड़ स्र्पये फंसे हुए है। इसकी वजह से निवेशकों को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर नया व्यवसाय भी नहीं मिल रहा है। 24 हजार करोड़ स्र्पये वापस दिलवाने की मांग करते हुए अभिकर्ताओं ने अपने निवेशकों के साथ मिलकर सेबी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। और कलेक्टर सौरभ कुमार को ज्ञापन सौंपा। सहारा सेबी में फंसे ब्याज 24 हजार करोड़ रुपए वापस दिलाने मांग की है।

जिला प्रशासन के अफसरों से की गई कार्रवाई की मांग
मंगलवार की दोपहर कलेक्टोरेट पहुंचे निवेशकों ने बताया कि सहारा इंडिया कंपनी में जिले के सैकड़ों लोगों ने करोड़ों रुपए इन्वेस्टमेंट किया है। हर महीने 500 से लेकर 5000 रुपए जमा करने के एवज में उन्हें ब्याज सहित राशि लौटाने का भरोसा दिलाया गया था। पहले भी निवेशकों ने इस मामले की शिकायत की थी, तब उन्हें भरोसा दिलाया गया था। तब उन्हें रुपए में ब्याज लौटा दिया जाएगा। पर, अब कंपनी के अधिकारी उन्हें घूमा रहे हैं।

साल भर से चक्कर काट रहे हैं निवेशक
निवेशकों ने बताया कि जमा राशि की मैच्युरिटी पूरी हो गई। एक-एक निवेशकों को कंपनी से एक से 20 लाख रुपए तक लेना है। अपनी ही राशि लेने के लिए निवेशक पिछले एक साल से सहारा कंपनी के ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में उन्होंने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करने की मांग की है।

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