कोरोना के डर से नक्सली संगठन को किया अलविदा…5 इनामी माओवादियों ने किया सरेंडर, एक निकला पॉजिटिव

आजाद सक्सेना, दंतेवाड़ा। कोरोना वायरस के डर से माओवादी नक्सली संगठन को तौबा कर रहे हैं. कोरोना का खौफ नक्सलियों में साफ देखा जा रहा है. अपने ही साथियों को संगठन से बाहर का रास्ता भी दिखा रहे हैं. दंतेवाड़ा जिले में ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) अभियान से प्रभावित होकर और माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर 5 इनामी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.

नक्सली हुंगा (48 वर्ष), लिंगाराम (32 वर्ष), जोगा उर्फ पांता (45 वर्ष), जोगा कुंजाम (22 वर्ष) और पाण्डू (30 वर्ष) ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. सभी नक्सलियों का कोरोना टेस्ट किया गया. जिसमें से एक नक्सली हुंगा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसे इलाज के लिए कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया है.

नक्सली हुंगा कुंजाम ने बताया कि कुछ दिन पहले नया कैम्प मनकापाल जिला सकमा में खुलने के विरोध में बड़े नक्सलियों देवा, सोमडू, प्रदीप के कहने पर नक्सली साथी गावं वालों को रैली और मीटिंग के लिए लेकर गए थे. जहां से आने के बाद मेरा तबियत बिगड़ने लगा, तब मुझे पता चला कि नक्सलियों मे कोरोनो फैल रहा है. मुझे भी कोरोनो का डर सताने लगा. मुझे लगा मैं आत्मसर्पण करूगा, तो बेहतर इलाज मिलेगा और मैं स्वास्थ हो जाऊगा. इसलिए अपने साथियों के साथ आत्मसमपर्ण करने आया. 

सरेंडर किए सभी नक्सलियों के खिलाफ हत्या, आगजनी, लूट, आईडी ब्लास्ट जैसे कई संगीन मामले थानों में दर्ज है. एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 10-10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी है. एसपी ने बताया कि भविष्य में और भी नक्सली समर्पण करेंगे, क्योंकि अब यह लोग जान चुके हैं कि आंध्र प्रदेश के नक्सली भोले-भाले आदिवासियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

एसपी ने कहा कि घर वापसी अभियान के चलते नक्सलियों की रीड की हड्डी टूट गई है, जो नक्सलियों के ग्रामीण क्षेत्र के सदस्य हुआ करते थे वो अब समाज की मुख्यधारा में जुड़ कर समर्पण कर रहे है. जिसके चलते नक्सली की नींव हिल गई है. नक्सली संगठन में बौखलाहट है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button