55 जवानों की हत्या में शामिल नक्सलियों की महिला कमांडर को मिला ‘इनाम’, बेटी संग पहुंची पुलिस के पास

रायपुर/बीजापुर. छत्तीसगढ़ गठन के बाद हुए सबसे बड़े नक्सल हमले में शामिल महिला नक्सली को सरकार की ओर से इनाम (प्रोत्साहन राशि) दिया गया है. खुद पुलिस अधिकारियों ने नक्सलियों की इस महिला कमांडर को प्रोत्साहन राशि दी है और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन भी दिया है. सरकार द्वारा मिलने वाले इस इनाम को लेने के लिए महिला अपनी 6 साल की बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची. उसे 10 हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि इनाम के रूप में दिया गया.

बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में पुलिस अधीक्षक के समक्ष नक्सल संगठन की एलओएस कमांडर सोमली सोढ़ी उर्फ वनिता ने सरेंडर किया. बीते 4 जून को सरेंडर करने पहुंची सोमली के साथ उसकी छह साल की बेटी भी थी. बीजापुर पुलिस अधीक्षक बीजापुर आंजनेय वार्ष्णेय व सीआरपीएफ और अन्य पुलिस अधिकारियों के समक्ष सोमली ने सरेंडर की प्रक्रिया पूरी की. पुलिस का दावा है कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा, जीवन शैली, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं प्रताड़ना से तंग आकर तथा छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सोमली ने आत्मसमर्पण किया. पुलिस के मुताबिक सोमली सोढ़ी उर्फ वनिता के धारित पद पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित है.

नक्सल संगठन में इन पदों पर काम कर चुकी है वनिता
पुलिस के मुताबिक सोमली उर्फ वनिता को वर्ष 2003 में गंगालूर एरिया कमेटी एलओएस कमाण्डर हरिराम माड़वी द्वारा पीएलजीए सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती किया गया. 2004 में गंगालूर से बदली कर मद्देड़ एरिया कमेटी इंचार्ज डीव्हीसीएम प्रसाद के टीम में काम करने के लिए भेज दिया गया. वहां एरिया कमेटी इंचार्ज मोहन द्वारा पार्टी सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया. वर्ष 2005 में मद्देड़ एरिया कमेटी सचिव ज्योतिक्का के द्वारा पेद्दाकोवाली एलओएस में डिप्टी कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया. वर्ष 2006 में मद्देड़ एरिया कमेटी डॉक्टर टीम अध्यक्ष के पद पर संगठन में कार्य किया. वर्ष 2007 में जनवरी से मार्च तक 11 नंबर प्लाटून बी सेक्शन डिप्टी कमांडर के पद पर संगठन में कार्य किया. अप्रैल 2007 में कम्पनी नंबर 2 का पीपीसी सदस्या के रूप में कार्य किया. इसके बाद सीएनएम सदस्य के रूप में फरवरी 2022 तक कार्य किया.

55 जवानों की हत्या में शामिल थी सोमली
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक वर्ष 2004 में बीजापुर के आवापल्ली से ईलमिड़ी सड़क सुरक्षा में लगे पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना, 2006 में बीजापुर से आवापल्ली टी पाइंट में आईईडी विस्फोट कर पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना, वर्ष 2007 में रानी बोदली कैम्प में हमला करने की घटना में सोमली शामिल थी. रानी बोदली कैंप हमले में 55 जवान शहीद हुए थे. छत्तीसगढ़ गठन के बाद नक्सलियों का बस्तर में ये सबसे बड़ा हमला था. इसके बाद वर्ष 2008 में थाना गंगालूर क्षेत्रांतर्गत ग्राम कोरचोली में पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना सहित तमाम नक्सली वारदातों में सोमली शामिल रही.

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