CRPF में चलेंगी संस्कारशालाएं आत्महत्या और साथियों पर फायरिंग की घटनाएं रोकने का प्रयास

आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे खतरों से निपटने वाले भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में जल्द ही ‘संस्कारशालाएं’ चलाई जाएंगी। इन संस्कारशालाओं में सैनिकों को नैतिकता सिखाई जाएगी जो सीनियर-जूनियर बॉन्डिंग बढ़ाने और सुरक्षाबलों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने में भी मदद करेंगी। सुरक्षाबलों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सीआरपीएफ में लागू किए जा रहे विचारों में से एक ‘संस्कारशाला’ भी है। सीआरपीएफ ने हाल ही में सभी इकाइयों और बटालियनों को सीनियर और जूनियर के बीच अनौपचारिक बातचीत के लिए चौपाल शुरू करने के लिए कहा था।

कैसे काम करेंगी ‘संस्कारशालाएं’ 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “संस्कारशालाएं’ स्थापित करने के लिए एक सूचना सीआरपीएएफ के कल्याण विभाग द्वारा सभी इकाइयों को भेजी गई है, हालांकि यह कैसे काम करेंगी, इस पर अभी तक कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है।” नाम न छापने की शर्त पर News18.com ने अधिकारी के हवाले से लिखा, “संदेश के मुताबिक, सभी युनिट, सेक्टर और बटालियन ‘संस्कारशाला’ शुरू करेंगी। निदेशालय द्वारा कोई दिशानिर्देश नहीं दिया गया है, लेकिन यह कहा गया है कि वरिष्ठ और साथ ही जूनियर अच्छे नैतिक मूल्यों को शेयर करेंगे। अच्छे विचारों का आदान-प्रदान होगा जिससे जवानों के बीच संबंध बनाने में मदद मिलेगी। सभी को आधिकारिक सूचना भेज दी गई है।”

क्यों शुरू होंगी ‘संस्कारशालाएं’ 

अधिकारी ने बताया कि ‘संस्कारशालाएं’ शुरू करने की पहल एक जवान के सुझाव के बाद शुरू की गई है। सीआरपीएफ ने हाल ही में वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के बीच कटुता की घटनाओं से निपटने के अलावा सैनिकों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए कर्मियों से सुझाव मांगे थे।” अपने सुझाव में जवान ने कहा, “जूनियरों और सीनियरों द्वारा दिए गए सम्मान में कमी के कारण, आत्महत्या, हाथापाई और झगड़े दर्ज किए गए हैं जो बल की छवि को भी खराब करते हैं। मेरा सुझाव है कि वरिष्ठ और सीनियर कर्मचारियों को एक-दूसरे को परस्पर सम्मान देना चाहिए।” जवान ने आगे कहा कि ‘संस्कारशाला’ बल की मदद करेगी।

जवान ने अपने सुझाव में लिखा, “जैसे योग हमारे शरीर को फिट रखने में मदद करता है, वैसे ही सभी युनिट, विभागों और कार्यालयों में हमें संस्कारशाला शुरू करनी चाहिए। अच्छे संस्कार पैदा करने और जवानों को संस्कारी बनाने के लिए एक अभियान शुरू किया जाना चाहिए।”

एक उप महानिरीक्षक द्वारा जारी एक अन्य आदेश में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली युनिट को ‘संस्कारशालाओं’ की अवधारणा को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि यह पिछले अवसरों पर यह देखा गया है कि कल्याण विभाग के आदेश का पालन सख्ती से नहीं किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button