
किसान आंदोलन का इन तीन रेलवे जोन की ट्रेनों पर पड़ा बड़ा असर, 150 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित
नई दिल्ली. किसान संगठनों की ओर से आज सोमवार को बुलाए की वजह से उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में रेल सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं. किसान संगठनों की ओर से ‘रेल रोको’ आंदोलन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलाया. इस दौरान विभिन्न जोनों के अंतर्गत ट्रेनें प्रभावित रहीं.
आंदोलन के चलते प्रदर्शनकारी किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर विरोध जताया. नॉर्दन रेलवे के अंतर्गत चलने वाली करीब 60 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुईं है और करीब 150 से ज्यादा जगहों पर आंदोलन का प्रभाव देखने को मिला है. उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत चलने वाली करीब 40 से ज्यादा ट्रेनों को कैंसिल या फिर आंशिक तौर पर कैंसिल करना पड़ा है. पूर्वोत्तर रेलवे ने भी दर्जनभर ट्रेनों के शेड्यूल में बदलाव किया है.
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार के मुताबिक दोपहर दोपहर तीन बजे तक करीब 150 जगहों पर ‘रेल रोको’ आंदोलन का असर देखा गया है. इसकी वजह से अब तक 60 ट्रेनों को रेगुलेट भी किया गया है जबकि छोटी दूरी की 25 ट्रेनें कैंसिल भी की गईं हैं. सीपीआरओ के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में आंदोलन की वजह से करीब 50 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. वहीं इसकी वजह से 130 से ज्यादा रेलवे संपत्ति पर भी इसका असर हुआ है.
रेल रोको आंदोलन की वजह से उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में रेल सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं.
उधर, उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत चलने वाली करीब 40 से ज्यादा ट्रेनों को भी कैंसिल और आंशिक रूप से कैंसिल करना पड़ा है. इसकी वजह से रेलयात्रियों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ा है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने किसान आंदोलन के कारण भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर तथा श्रीगंगानगर- रेवाड़ी रेलखंडों के बीच रेल सेवाएं प्रभावित रही हैं. इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से भी कई रूटों पर ट्रेनों को कैंसिल किया है.