गंभीर आरोपों के कारण खतरे में घिरा गूगल, लगा 593 मिलियन डॉलर का जुर्माना

देश रेगुलेटर द्वारा दिए गए टेम्परेरी ऑर्डर्स का फ्रांस के एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ने पूर्ण रूप से पालन करने में असफल रहने के लिए मंगलवार को अल्फाबेट की कंपनी गूगल पर 500 मिलियन यूरो (593 मिलियन डॉलर) की पेनल्टी लगाई है। इसके साथ-साथ अमेरिकी टेक ग्रुप को अगले दो माहों के अंदर प्रस्तावों के साथ ये कहना होगा कि यह न्यूज एजेंसियों तथा दूसरे पब्लिशर्स को उनके न्यूज के इस्तेमाल के लिए कैसे मुआवजा देगा। यदि वह ऐसा नहीं करती है, तो कंपनी को रोजाना 900,000 यूरो तक की अतिरिक्त पेनल्टी भरना पड़गी। एंटीट्रस्ट वॉचडॉग के इस निर्णय पर गूगल ने निराशा जाहिर की है।

गूगल के एक प्रवक्ता ने बताया, हमने पूरी प्रक्रिया के चलते अच्छे भरोसे के साथ काम किया है। ये पेनल्टी एक समझौते पर पहुंचने की हमारी कोशिशों तथा हमारे प्लेटफॉर्म पर न्यूज कैसे काम करता है, इसकी हकीकत की अनदेखी करता है। आज तक, गूगल एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने नेबरिंग राइट्स पर समझौतों का ऐलान किया है।

वही एसईपीएम तथा एएफपी ने टेक कंपनी पर आरोप लगाया है कि हाल ही में वह यूरोपीय संघ के एक आदेश के तहत, जो तथाकथित “नेबर राईट” बनाता है, न्यूज कंटेंट के मेहनताने के लिए सामान्य आधार तलाशने के लिए उनके साथ अच्छे भरोसे में बातचीत करने में असफल रहा है। यह मामला इस बात पर फोकस्ड था कि क्या गूगल ने एंटीट्रस्ट अथॉरिटी द्वारा जारी टेम्परेरी ऑर्डर्स का उल्लंघन किया है।

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