गढ्ढो मेें तब्दील हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, पांच साल की गारंटी वाली सड़क दो साल में ही गढ्ढों में हुआ तब्दील    

बलौदाबाजार,
फागुलाल, रात्रे, लवन।
लवन से सरखोर मार्ग की दूरी 6.15 किमी है। इस रोड को दो साल पहले ही भाटापारा, ठेकेदार प्रमोद कंस्ट्रक्शन के द्वारा बनाई गई थी। उक्त रोड के लिए 125.05 लाख स्वीकृति मिली थी। 6 किमी की उक्त सड़क में जगह-जगह खतरनाक गढ्ढो बन चूके है जिससे दुर्घटना घटित होने की संभावना बढ़ गई है। इस सड़क की क्षमता कम है, जिस पर भारी वजनी वाहन के चलने से सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गए है। रोड का डामर उखड़कर गड्ढो में तब्दील हो रहा है जो कि दुर्घटना को दावत देने के कगार पर पहुंच गए है। समय रहते इनकी मरम्मत नहीं कराई गई तो समस्या और अधिक विकराल हो सकती है।
वाहन चालक हो रहे दुर्घटना के शिकार
वाहन चालक गड्ढों की वजह से नियंत्रण खोकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी के दिनों में बेलगाम ओवरलोड गाडि़या चल रही थी, जिसकी वजह से रोड की यह दुदर्शा हुई है। लवन, सरखोर मार्ग का दबाव बहुत अधिक हो गया है। जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों पर उसकी क्षमता से अधिक वजन के वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी इस मार्ग पर धडल्ले के साथ मुरूम गाड़ीया चली है, वर्तमान में कुछ-कुछ वाहन अभी भी चल रहे है। यही कारण है कि मार्ग निर्माण के बाद बहुत ही कम समय में मरम्मत की कगार पर पहुंच गया है। आम लोगों को आवाजाही के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग सरखोर, पंडरिया, जोंधरा होते हुए बिलासपुर जिले को जोड़ती है इस वजह से इस मार्ग पर दोपहिया वाहनों का आना-जाना दिन भर होता रहता है। दोपहिया वाहन चालक रात में गड्ढों को भांप नहीं पाने की वजह से गिरकर चोंटिल भी हो रहे है।
क्षमता से अधिक ओवरलोड वाहनों का आना-जाना
ठेकेदार व विभाग द्वारा 12 टन से अधिक वजनी वाहनों प्रवेश निषेध का बोर्ड तो लगाया गया है, लेकिन वाहन चालक प्रवेश निषेध बोर्ड को दरकिनार कर धड़ल्ले से वाहनों को उक्त रोड पर बेखौफ दौड़ा रहे है। इससे नवनिर्मित लवन, सरखोर मार्ग की हालत समय से पहले दम तोड़ रही है। मार्ग में जगह-जगह पर गड्ढे बन चूके है। इस रोड का संधारण कार्य करीब डेढ़ से दो दशक बीत जाने के बाद हुआ है। उस पर भी भारी वाहनों का दबाव बढ़ने से रोड जर्जर स्थिति में निर्मित हो रही है। राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते है ग्रामीण
सड़क का सुधार समय-समय पर होना चाहिए। विभाग द्वारा सड़क तो बना दिया गया। लेकिन नियमित रखरखाव नहीं होने के कारण उसमें बड़े-बड़े गढ्ढे बन गए है। बरसात का पानी भर जाने की वजह से गढ्ढों की गहराई का पता नहीं चल पाता कि गहराई कितनी है। इसकी वजह से राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है।

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