
गबन घोटाले का सरताज बाबू से प्रभारी CMO बने सी पी श्रीवास्तव
किसी गबन,घोटाले, भ्रष्टाचार,अनियमितता आदि के मामले में पतासाजी शिकायत, आवेदन,जांच, जांच प्रतिवेदन, दोषी पर कार्यवाही इतनी लड़ाई लड़नी पड़ती है।
लंबे अरसे से पदस्थ रहे जुगाड़ जंतर से बाबू से प्रभारी CMO बने CP श्रीवास्तव ने नगर विकास के लिए दी जाने वाली राशि का लगभग 70 प्रतिशत का भ्रष्टाचार किया है जिसके स्पष्ट प्रमाण है। नगर में ये बात सभी को मालूम है लेकिन इसकी काली करतूत को कोई उजागर करने का साहस नही कर पाया। अब एक एक कर कच्चे चिट्ठे को लीपापोती कर पक्का बनाने की परत खुलेगी। नगरवासी आश्चयचकित हो जाएंगे कि
ऐसा भी हो सकता है ?
ये सब सम्भव कैसे हुआ ?
परिषद या सभा की बैठक में प्रस्ताव,प्राकलन,कार्य की निविदा,निविदा खुलना,कार्य आदेश, माप पुस्तिका में कार्य का मूल्यांकन,बिल भुगतान, कार्य पूर्णता (CC) जारी आदि पूरी प्रक्रिया शासन ने बनाया है।
जिसमे संबंधित कार्यालय के सभी बाबू इंजीनियर से लेकर भुगतान अधिकारी की कड़ी है।
लेकिन मास्टरमाइंड और साजिश रचने वाला कोई एक तो होता ही है।
नगर विकास में बाधक, नगरवासी के हक व हिस्से पर डाका डालने वाले ऐसे अधिकारी का कच्चा चिट्ठा सामने आ गया है।
ट्यूबलर पोल घोटाला
महज तेरह लाख ( 13,00,000) के कार्य का मूल्यांकन और भुगतान चौसठ लाख (64,00,000)
ग्राउंड रिपोर्ट,साक्ष्य,दस्तावेज,प्रमाण के आधार पर लिखा है