गांव में नीम के छाँव में आज भी होता है दाह संस्कार,,, 20 वर्ष बाद भी यहां सरकार की योजना का लाभ नहीं मिला ?,,, नया जिला सक्ती निर्माण होने के बाद से लोगों को है बड़ी उम्मीद,,,

जांजगीर। जिले के डभरा जनपद पंचायत के गांव धुरकोट में देखने को मिला यहां आज भी दाह संस्कार करने के लिए किसी भी शमशान घाट में छतदार शेड का निर्माण नहीं हुआ है जाहे बरसात हो या गर्मी का मौसम यहां आज भी नीम के छाँव में गांव के लोग अपने परिजन के मृत्यु होने पर दाह संस्कार करते हैं । छत्तीसगढ़ बने 20 वर्ष गुजर गए पर जांजगीर जिला के डभरा विकास खण्ड के गांव धुरकोट में छतदार शेड शमशान घाट पर नही बन सका है ।कहने को तो यह बड़ा गांव है पर यहां आज भी मूलभूत सुविधाओं से लोग मगरूर हैं ।क्या यहां शमशान घाट चिन्हित कर छतदार शेड निर्माण हो पायेगा या यह पंचवर्षीय योजना पिछले वर्ष की तरह गुजर जाएगा ।

गांव में कई ग्रामीणों से इस विषय पर चर्चा किया गया तब गांव के ग्रामीणों ने कहा हं परेशानी तो है पर कौन यहां बनवायेगा कब बनेगा यह तो गांव में पंच -सरपंच बनने वाले ही बता पाएंगे । वहीं ग्रामीणों को नए सरपंच से बड़ी उम्मीद है । क्या ऐसा भी गांव है जो अभी भी सरकार की कई योजनाओं का लाभ ही नहीं पहुंच पा रहा है ।वैसे तो गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र भी है पर कभी कभी ही खुल पाता है । शिक्षा की बात करें तो यहां हायर सेकंडरी स्कूल है पर जिला मुख्यालय अंतिम छोर होने के कारण लगभग 90 किलो मीटर दूर जांजगीर पड़ता है यहां के लोग उच्च शिक्षा के लिए ज्यादातर रायगढ़ जिले के खरसिंया में कॉलेज करते हैं वहीं डभरा कॉलेज में कम पढ़ते है वहीं स्वास्थ्य के लिए रायगढ़ जिला मुख्यालय नजदीक पड़ती है अब सक्ति नया जिला होने से लोगो को जिला मुख्यालय नजदीक पड़ेगी और सक्ति जिला मुख्यालय का लाभ मिल पायेगा ।वैसे तो गांव में 19 वार्ड हैं और यह बड़ा गांव है यहां 2128 मतदाता है वहीं यहां की जनसंख्या लगभग 03 हजार से ऊपर होगी । पंच कमल धिरहे ,भारत महेश्वरी से गांव की विषय पर चर्चा हुई वही गांव में शमशान घाट में छतदार शेड की बात हुई तो उनका कहना था अब तक तो बन जाना था पर हमारे गांव में अब तक न बन सका है पर गांव में विकास होना चाहिए। आखिर गांव में आज भी लोग नीम के छाँव में दाह संस्कार करने को मजबूर है। गांव में मूलभूत सुविधाएं जरूरी है ।