हसदेव अरण्य का रण : आंदोलन के समर्थन में पहुंचीं मेधा पाटकर, कहा- इसमें केंद्र और राज्य सरकार की मिलीभगत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा और कोरबा जिले में स्थित हसदेव अरण्य को बचाने के लिए विश्वव्यापी आंदोलन चल रहा है। आज इस आंदोलन को और बड़ा संबल मिला है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि प्रख्यात पर्यावरण प्रेमी और समाजसेविका मेधा पाटकर इस आंदोलन के समर्थन में पहुंची हैं। परसा कोल ब्लॉक को लेकर मेधा पाटकर ने यहां कहा कि, यह राज्य और केंद्र सरकार की मिलीभगत से हो रहा है। दोनो सरकारें खेल रही हैं खेल। सुश्री पाटकर ने कहा कि राजस्थान में कोयले की कोई कमी नहीं है। ऊर्जा के अन्य साधनों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि, जब तक कोल ब्लॉक की अनुमति रद्द नहीं की जाती, तब तक यह आंदोलन चलेगा। बिलासपुर के कोन्हेर गार्डन में पिछले कई दिनों से परसा कोल ब्लाक आवंटन और हसदेव अरण्य को बचाने के लिए धरना प्रदर्शन चल रहा है। बताया जा रहा है कि सुश्री मेधा पाटकर यहां से अपने समर्थकों के साथ हसदेव अरण्य क्षेत्र भी जाएंगी। वे यहां इस आंदोलन को समर्थन देने पहुंची हैं।

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