गुजरातराजनीती उठापटक

गुजरात: ‘नो ट्रेन नो वोट’, नवसारी में 18 गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार

ग्रामीणों ने बैनर में लिखा है कि आंचली स्टेशन पर जब तक ट्रेन ना रूके, इन गांवों में कोई बीजेपी का नेता वोट मांगने ना आए.ग्रामीणों के मुताबिक आंचली स्टेशन से लगते 18 गांव रेल सेवा के जरिए सीधा राजधानी से जुड़ते थे. लेकिन ट्रेनों का ठहराव बंद होने से यह जुड़ाव बंद हो गया है.

नवसारी गुजरात में 18 गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. इन गांवों के लोग आंचली स्टेशन पर लोकल ट्रेनों के ठहराव की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना काल से पहले तक आंचली स्टेशन पर लोकल ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. बार बार शिकायतों के बाद भी इन ट्रेनों को दोबारा से शुरू नहीं किया जा सका है. इसी के साथ ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि अब ट्रेन नहीं तो वोट नहीं. ग्रामीणों ने इस संबंध में आंचली स्टेशन के पास एक बैनर भी लगाया है.

ग्रामीणों ने बैनर में लिखा है कि जब तक ट्रेन ना रूके, इन गांवों में कोई बीजेपी का नेता वोट मांगने ना आए.ग्रामीणों के मुताबिक आंचली स्टेशन से लगते 18 गांव रेल सेवा के जरिए सीधा राजधानी से जुड़ते हैं. कोरोना काल के पहले तक यहां सभी तरह की लोकल ट्रेनों का ठहराव होता था. इससे यहां के लोग व्यापार वाणिज्य के अलावा अपने जरूरी कार्यों के लिए शहर आते जाते रहते थे. चूंकि कोरोना काल में ट्रेनों का ठहराव बंद हो गया था, तब से ही यहां के लोगों को शहर जाने में भारी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और रेलवे के अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. मजबूरी में ग्रामीणों ने अब आर पार की लड़ाई का फैसला किया है.

बैनर लगाकर किया आंदोलन का ऐलान
ग्रामीणों ने आंचली स्टेशन के पास बैनर लगाया है. इस बैनर के जरिए ग्रामीणों ने रेल सेवा के लिए आंदोलन का ऐलान किया है. बैनर में कहा है कि जब तक आंचली स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होता, कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा. ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल को वोट मांग कर ग्रामीणों को शर्मिंदा नहीं करना चाहिए. ग्रामीण बीते दो महीने से इस आंदोलन को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं.

बीजेपी अध्यक्ष से मिल चुके हैं ग्रामीण
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस समस्या को लेकर ग्रामीण नवसारी के सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से मिल चुके हैं. इसके अलावा बीजेपी विधायक पीयूस देसाई, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शनबेन जारदोस से भी मिलकर आंचली स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग कर चुके हैं. आश्वासन तो सभी ने दिया, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है.

सूरत इंटरसिटी के ठहराव की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक अमलसाद और वेदछा के बीच स्थित आंचली स्टेशन पर ग्रामीण विरार भरूच एक्सप्रेस के अलावा सूरत इंटरसिटी के ठहराव की भी मांग कर रहे हैं. इन ट्रेनों के ठहराव से इन सभी गांवों की मुंबई तक पहुंच आसान हो जाएगी. आंचली के सरपंच निर्मला पटेल ने कहा कि इस समस्या को लेकर नेताओं से लेकर अधिकारियों तक गए, कोई सुनवाई नहीं हुई. जबकि इससे छात्रों के अलावा टेक्सटाइल सेक्टर जुड़े कारोबारियों को लगातार परेशानी से जूझना पड़ रहा है.

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