बिलासपुर—: ग्राम कोटा में खुलेआम अवैध मुरुम खनन जोरों पर चल रहा है, लेकिन शासन और प्रशासन इस पर पूरी तरह से मौन है। खनिज माफिया बेखौफ होकर ट्रैक्टरों और डंपरों के माध्यम से मुरुम की खुदाई और तस्करी कर रहे हैं, मानो उन्हें किसी का डर ही नहीं।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह खनन अधिकारियों की मिलीभगत और लापरवाही से संभव हो रहा है। खुदाई का कार्य दिन-रात कियाग्राम कोटा में धड़ल्ले से चल रहा अवैध मुरुम खनन, प्रशासन बना मौन दर्शक जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्षति, कृषि भूमि की बर्बादी और सड़कों की हालत बदतर होती जा रही है।
अवैध खनन के चलते शासन को राजस्व की बड़ी हानि हो रही है। दूसरी ओर, खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
स्थानीय निवासी [नाम (यदि जोड़ना चाहें)] ने बताया कि कई बार इस मुद्दे को अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला।
अब सवाल यह उठता है कि जब यह सब कुछ अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है, तो क्या यह उनकी अनदेखी है या मिलीभगत?
ग्रामीणों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
क्या ग्राम कोटा फिर से हरियाली की ओर लौट पाएगा या मुरुम माफिया की यह बेलगाम खुदाई गाँव को उजाड़ देगी?