
उत्तराखंड के उत्तर काशी जिले में बस हादसे की सूचना मिलते ही पन्ना जिले के पवई ब्लाक के मोहिंद्रा और देवरिया, चकला गांव के लोग बदहवास से नजर आए। हर कोई अपने स्तर पर हादसे को पुष्ट करने में लगा रहा। अपने स्वजन को खो देने की आशंका से ग्रामीणों को कुछ सूझ नहीं रहा था कि आखिर वो क्या करें। आनन-फानन में जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन लगाते रहे। जैसे-जैसे हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ी, ग्रामीणों में चीख-पुकार मच गई। हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई है।
लौटने की खुशी गम में बदल गई
ग्रामीणों के अनुसार यात्रियों का दल 20 मई को पन्ना से यात्रा पर निकला था। चित्रकूट, पशुपतिनाथ और काठमांडू होते हुए दो जून को ये सभी हरिद्वार पहुंचे। यहां दो दिन इंतजार के बाद रविवार को इन्हें यमुनोत्री और गंगोत्री का स्लाट आवंटित हुआ। कुछ ही दिनों में सभी ग्रामीणों को लौटना था। अचानक से इस बड़े हादसे की सूचना ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया। इस हृदय विदारक हादसे की जानकारी मिलने के बाद मुख्यालय सहित पूरे जिले के ब्लाकों व ग्रामीण क्षेत्रों में शोक का वातावरण है।
कैसे भी हो बस सच पता लगे
प्रारंभिक सूचना के मुताबिक पवई ब्लाक के मोहिंद्रा गांव और देवरिया के चकला गांव के लोग हादसे की सूचना पुष्ट करने में जुट गए। फिलहाल इन गांवों से में सन्नाटा है। लोग देर रात तक अपने-अपने स्रोतों से चारधाम की यात्रा पर गए स्वजन के सुरक्षित होने की खबर पाने के लिए बेताब रहे। ग्रामीण जिला प्रशासन से संपर्क कर हादसे के शिकार लोगों की सूची पाने का प्रयास करते नजर आए। पुलिस कंट्रोल रूम और क्षेत्रीय थानों में भी लगातार घनघनाते रहे।
मामले में पन्ना के एसपी धर्मराज मीणा ने बताया कि हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस को उत्तराखंड प्रशासन से सूचना मिली थी कि डामटा से तकरीबन दो किलोमीटर की दूरी पर ये हादसा हुआ है। बस में सवार यात्री पन्ना के निवासी हैं। सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में हादसे के शिकार लोगों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है। एसपी के अनुसार दुर्घटना के बाद तीन एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई थीं। राहत व बचाव कार्य जारी है। जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार इस हादसे के शिकार हुए लोगों में अधिकांश जिले के पवई ब्लाक के गांवों के निवासी हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए कि कितने लोग हादसे का शिकार हुए हैं।