घरों में शुरू हुईं नवरात्र की तैयारियां, इन बातों का भी रखें ध्यान

चैत्र नवरात्र के स्वागत के लिए घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। नवरात्र में व्रत रखने से आत्मा की शुद्धि होती है। नवरात्र के व्रत से शरीर स्वस्थ रहता है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। वास्तु शास्त्र में नवरात्र की तैयारियों को लेकर विशेष उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

नवरात्र आरंभ होने से पहले घर एवं प्रतिष्ठान की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। देवी माता की मूर्ति और कलश स्थापना दोनों ही घर के ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में करें। मूर्ति स्थापना के लिए चंदन की लकड़ी की चौकी का प्रयोग करें। जहां माता की मूर्ति स्थापित करें वहां स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। विधिविधान से माता की पूजा करें। नवरात्र के दिनों में माता के शृंगार का विशेष ध्यान रखें। नवरात्रि में माता को सोलह शृंगार का सामान अर्पित करें। लाल चुनरी के साथ लाल चूड़ियां, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी और बिंदी, शीशा, कंघी आदि को शृंगार में शामिल करें। आम और अशोक के पत्तों से घर के मुख्य द्वार को सजाएं। नवरात्रि में देवी मां के चरणों के निशान घर में बनाएं। घर के मुख्य द्वार से अंदर की ओर आते हुए देवी मां के चरण बनाएं। अखंड ज्योति को दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रज्जवलित करें। नवरात्रि में कमल पर बैठी मां लक्ष्‍मी का चित्र लाना शुभ माना जाता है। उनके हाथों से धन वर्षा हो रही हो तो और भी अच्‍छा माना जाता है। मां लक्ष्मी को केसर या हल्दी में रंगे पीले चावल चढ़ाएं। घर में मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं। साथ ही भगवान श्रीगणेश का चित्र लगाना भी शुभ माना जाता है। नवरात्र में अपने घर पर लाल ध्वजा लगाएं। ये ध्वजा उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाएं। मां दुर्गा अपने सरस्‍वती स्‍वरूप में मोर पर विराजमान हैं। नवरात्र में घर में मोर का पंख जरूर लाएं। इसे घर में पूजा स्‍थल पर रखें। नवरात्र में कमल का फूल घर में अवश्य लाएं। घर में चांदी या सोने का सिक्‍का भी नवरात्र में लाने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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