चक्रवाती तूफान ‘असनी’ से निपटने के लिए तैयारियां जारी, जानिए किन किन राज्यों में बरपा सकता है कहर

साल 2022 के पहले चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से के ऊपर एक कम दबाव क्षेत्र बन गया है. मौसम विभाग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ स्थानों पर बेहद ही भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. निकोबार द्वीप समूह में  अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताई जा रही है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग बुलेटिन के मुताबिक दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर कम दबाव का क्षेत्र पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है और 20 मार्च को एक दबाव और 21 मार्च के आसपास चक्रवाती तूफान आसनी में तेज होने की संभावना है. IMD ने कहा है कि सोमवार को ये दबाव क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने 20 मार्च को अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी दी है. चक्रवाती तूफान की वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की आशंका काफी बढ़ गई है. आईएमडी ने शनिवार को अपने बुलेटिन में कहा कि इसके बाद तूफान ‘आसनी’ के लगभग उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और 22 मार्च को उत्तर म्यांमार के दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश तटों के पास पहुंचने की संभावना है. आईएमडी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है. जलवायु की दृष्टि से मार्च चक्रवात का मौसम नहीं माना जाता है. अप्रैल और मई में चक्रवात के आने की संभावना अत्यधिक होती है. मार्च में समुद्र ठंडा होता है और सौर ताप बहुत अधिक नहीं होता है.

हाई अलर्ट पर आपदा प्रबंधन विभाग, तैयारियां जारी

चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ, प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए जरुरी व्यवस्था कर रहा है, जिसमें निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. आईएमडी के मुताबिक बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है. प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निकाले गये लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो. खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं. मछुआरों को अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है.

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