विपक्ष का एससी और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण बढ़ाने का दांव, सदन में सरकार देगी जवाब

छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण को लेकर मचे घमासान के बीच संयुक्त विपक्ष ने अनुसूचित जाति (एससी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण को बढ़ाने का दांव खेला है। सदन में पेश होने वाले आरक्षण विधेयक को लेकर विपक्ष ने संशोधन पेश किया है।

रायपुर।। छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण को लेकर मचे घमासान के बीच संयुक्त विपक्ष ने अनुसूचित जाति (एससी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण को बढ़ाने का दांव खेला है। सरकार की ओर से सदन में पेश होने वाले आरक्षण विधेयक को लेकर विपक्ष ने संशोधन पेश किया है। इसमें एससी का आरक्षण 13 से बढ़ाकर 16 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस का चार से बढ़ाकर दस प्रतिशत करने का संशोधन दिया है।

राज्य सरकार ने आबादी के आधार पर आरक्षण का खाका तैयार किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने क्वांटिफाइबल डाटा आयोग को आधार बनाया है। उच्च प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो डाटा आयोग की रिपोर्ट में ईडब्ल्यूएस की गणना प्रदेश की जनसंख्या के आधार पर करीब चार प्रतिशत पाई गई है। संवैधानिक व्यवस्था में ईडब्ल्यूएस को दस प्रतिशत तक आरक्षण देने का प्रविधान है। ऐसे में राज्य सरकार ईडब्ल्यूएस को चार प्रतिशत आरक्षण देकर संतुष्ट करने की कोशिश कर रही है।

सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने विपक्ष के संशोधन का स्वागत किया। बताया जा रहा है कि सरकार ने आरक्षण का जो खाका तैयार किया है, उसके पीछे सभी तथ्यों को ध्यान में रखा गया है। जबकि विपक्षी दल चुनावी राजनीति को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे है। प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए दस विधानसभा सीट आरक्षित है।

पिछले विधानसभा चुनाव में एससी वर्ग के लिए आरक्षित सात सीट पर कांग्रेस विधायक चुने गए हैं, जबकि दो सीट पर भाजपा और एक सीट पर बसपा को जीत मिली थी। बसपा का आधार वोट एससी वर्ग का है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी एससी वोट को साधने की राजनीति में उतरी है। जकांछ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी एससी वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीट पर पदयात्रा कर रहे हैं। उनकी पत्नी ऋचा जोगी पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर अकलतरा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी थीं। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो संयुक्त विपक्ष की नजर एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर है।

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