चाणक्य नीति: इन कार्यों को करने में न दिखाएं शर्म, जीवन में हमेशा रहेंगे खुश और मिलेगी सफलता

आचार्य चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान और योग्य शिक्षक थे, चाणक्य को कई विषयों की गहरी समझ थी. चाणक्य ने समाजशास्त्र,राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र की रचना की, आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे परंतु फिर भी वे एक साधारण जीवन व्यतीत करते थे. चाणक्य नीति में कई तरह के कठिन सिद्धतों को आसान भाषा में समझाया है. आचार्य चाणक्य ने न केवल सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का मार्गदर्शन किया बल्कि चाणक्य नीति के द्वारा वर्तमान काल में भी भटके हुए लोग सुमार्ग पर आ रहे हैं. चाणक्य नीति में जीवन में क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए इन सभी विषयों के बारे में बताया गया है. चाणक्य नीति के इस भाग में आज जानेंगे कि किन कार्यों को करने में हमें शर्म नहीं दिखाना चाहिए.

1. गुरु जब ज्ञान दें तो पीछे न हटें

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो विद्यार्थी बिना किसी भय के या शर्म किए अपने गुरु द्वारा बताए ज्ञान को ग्रहण करता है वही श्रेष्ठ विद्यार्थी होता है. जो विद्यार्थी भय और शर्म के कारण गुरु से प्रश्न नहीं पूछता है, वह भविष्य में परेशानी का सामना कर सकते हैं.

2. धन से संबंधित मामलों में न करें संकोच

चाणक्य नीति कहती है कि मनुष्य को धन से संबंधित मामलों में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए, जो लोग धन के मामले में संकोच करते हैं उन्हें धनहानि हो सकती है. किसी को दिए गए कर्ज को मांगने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए. इसी तरह से अगर आप किसी के साथ व्यापार करते हैं तो उससे भी स्पष्ट व्यव्हार रखें अन्यथा आपको धन की हानि हो सकती है.

3. पुराने और सादे कपड़े पहनने में नहीं करना चाहिए शर्म

कई बार हम दूसरों को देखकर सादे कपड़े पहनने में शर्म महसूस करते हैं कि कोई क्या कहेगा, लेकिन कभी भी पुराने या सादे कपड़े पहनने में शर्म नहीं करनी चाहिए. आपने पुराने कपड़े पहने हैं या फिर महंगे इस बात से फर्क नहीं पड़ता है लेकिन आपने कपड़े किस तरह से पहने हैं इस बात को ध्यान में रखना चाहिए

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