चुनावी जिलों में धारा 144 प्रभावी- अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना प्रतिबंधित….

दुर्ग: कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेन्द्र भुरे एवं एसएसपी बद्रीनारायण मीणा ने बुधवार शाम बैठक लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता सहित निर्वाचन प्रक्रिया की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि जिले में नगर निगम भिलाई, रिसाली, भिलाई-चरोदा, नगर पालिका परिषद जामुल एवं नगर पंचायत उतई में निर्वाचन होना है। इन नगरीय निकाय क्षेत्रों के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है। इन नगरीय निकाय क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। कलेक्टर ने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों में निर्वाचन के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गाय है। 27 नवंबर को निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन एवं आरक्षण की सूचना का प्रकाशन सहित मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 27 नवंबर से 3 दिसंबर तक अवकाश के दिनों को छोड़कर नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया जा सकेगा। 4 दिसंबर को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। 6 दिसंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। नाम वापसी के पश्चात निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची एवं प्रतीक चिन्हों का आबंटन इसी तिथि को किया जाएगा। 20 दिसंबर को मतदान एवं 23 दिसंबर को मतगणना की जाएगी।

निर्वाचन विभाग ने चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए निर्वाचन व्यय की सीमा निर्धारित की है। इसके अनुसार नगर निगम क्षेत्रों के लिए 3 लाख से अधिक जनसंख्या की स्थिति में 5 लाख रुपये एवं 3 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगम के लिए 3 लाख रुपये तक की चुनाव में खर्च की जा सकेगी। इसी तरह नगर पालिका परिषद क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख व नगर पंचायतों के लिए व्यय सीमा 50 हजार रुपये निर्धारित की गई है। उम्मीदवार नाम निर्देश पत्र ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। यह संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्रों के किसी भी च्वाइस सेंटर से दाखिल किया जा सकेगा। ऑनलाइन नाम निर्देशन पत्र दाखिल किये गये फार्म की कॉपी संबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग आफिसर के कक्ष में जमा करना होगा। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित प्रतिभूति राशि के अनुसार पार्षद पद हेतु नगर निगम क्षेत्रों के लिए 5 हजार रुपये, नगर पालिका परिषद क्षेत्रों के लिए 3 हजार रुपये एवं नगर पंचायत क्षेत्रों के लिए 1 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। महिला अभ्यर्थियों एवं अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित राशि की केवल आधी राशि निर्धारित किया गया है।

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