छत्तीसगढ़राजनीती उठापटक

चुनावी वर्ष को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों की बैठकों का दौर शुरू

दिनेश दुबे
आप की आवाज
*चुनावी वर्ष को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों की बैठकों का दौर हुआ शुरू*
बेमेतरा =आगामी नवंबर दिसंबर में छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल के नेताओं का जिले के विधानसभा क्षेत्रों में दौरा शुरू हो चुका हैं।  कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क कर विभिन्न राजनीतिक दलों के संगठन के माध्यम से बैठकों का आयोजन हो रहा है। लगातार  विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अनुषांगिक संगठन के माध्यम से लगातार मंडल स्तर पर महिला मोर्चा के साथ-साथ किसान मोर्चा ,युवा मोर्चा की बैठक आयोजित कर आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी की जा रही है। वहीं कांग्रेस के द्वारा सिटिंग एमएलए अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित कर आम जनों के संपर्क में लगे हुए हैं।
*विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेमेतरा विधानसभा स्तरीय 5 जून को कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है ।विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में आगामी चुनाव को लेकर तैयारी एवं संपर्क अभियान को सतत रखने की रणनीति तैयार होने वाली है। वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा अभी तक स्पष्ट रूप से विधानसभा स्तर पर स्थानीय पार्टी के लोगों को जिम्मेदारी नहीं देने के कारण विधानसभा स्तरीय बैठक और संगठन को मजबूत करने कोई योजना नहीं बन पाई है।
* सत्ता पक्ष के द्वारा बराबर सरकारी आयोजनों के अलावा गांव गांव में उद्घाटन, लोकार्पण, शुभारंभ, भूमि पूजन एवम किसान सम्मेलन आदि अनेक तरह के कार्यक्रम में सिटिंग एमएलए शामिल हो रहे हैं। चुनावी रणनीति बनाने में बेमेतरा जिले में कांग्रेसी एमएलए अपनी अपनी विधानसभा चुनाव फाइनल समझकर कार्यकर्ता सम्मेलन और आम जनों से जोर शोर से जनसंपर्क में लगे हुए हैं ।आगामी विधानसभा चुनाव में बेमेतरा जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में इस बार स्वतंत्र प्रत्याशी की दावेदारी भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकता है । बेमेतरा विधानसभा में बीते चुनाव में लगभग 35000 वोट हासिल करने वाले स्वतंत्र प्रत्याशी किसान नेता योगेश नारायण तिवारी की दावेदारी इस बार भी बेमेतरा विधानसभा से स्पष्ट है। इसी तरह की स्थिति साजा एवं नवागढ़ विधानसभा में भी होने का अनुमान है। भाजपा से पूर्व मंत्री को टिकट नहीं मिलने की स्थिति पर त्रिकोणी संघर्ष के आसार बन सकता है। साजा विधानसभा में इस बार चुनावी रणनीति विपक्षियों के एक होने पर परिणाम की सुगबुगाहट अभी से जन चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन विधानसभा स्तरीय शुरू होने लगा है। नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में बाहरी और भीतरी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। स्थानीय लोगों को सहयोग और सपोर्ट करने की चर्चा गली-गली में होने लगी है। असली और नकली का मामला भी पार्टी के भीतर हो रहा है। बीते कार्यकाल में नवागढ़ विधानसभा के सर्वाधिक कार्यकर्ता सिटिंग एमएलए के विभिन्न मुद्दों को लेकर शिकवा शिकायत करते रहे हैं। प्रदेश प्रभारी के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक शिकायत की गई । विधानसभा में सत्ता पक्ष के  शक्तिशाली विरोधियों का एकजुट हो जाना कांग्रेस के लिए ही सबसे विरोधियों का दायरा बढ़ते जा रहा है। इतिहास गवाह है कि नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को रिझाने और लुभावने की कोई आवश्यकता नहीं है। केवल इस विधानसभा में सदैव सत्ता पक्ष के लोग विपक्षियों को मोटिवेट कर राजनीतिक लाभ अर्जित करने में लगे रहे इसका मुख्य कारण रहा कि आज भी विपक्ष  के अनेक नेता  सशक्त होकर विरोध करने की हिम्मत नहीं कर पाते इसे राजनीतिक भाषा में राजनीतिक सेटिंग कहा जाता है। अब देखना है नवागढ़ विधानसभा की राजनीतिक परिस्थितियां किस तरह बनती है आगामी महीने में स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेगा।

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