छत्तीसगढ़ के 168 गांवों में नहीं मिल रहा शुद्ध जल, कहीं आर्सेनिक तो कहीं मिल रहे अन्य अवांछनीय तत्व

प्रदेश में इस साल 50 लाख छह हजार 662 घरों में जल पहुंचाना है, जबकि अब तक 17 लाख 30 हजार 580 घरों तक ही कनेक्शन पहुंच पाया है। जल जीवन मिशन के तहत अगस्त 2024 तक गांवों के हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया

राज्य के 168 गांवों और बसाहटों के भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड जैसे अवांछनीय तत्व घुले हुए हैं। ऐसे में इन इलाकों के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए बहुत भटकना पड़ रहा है। राज्य में जल जीवन मिशन के तहत गांव-गांव तक नल से जल देने के लिए सरकार काम कर रही है। ऐसे में उन गांवों में सबसे पहले नल से जल देने की दरकार है। विश्ोषज्ञों का कहना है कि जहां का भूजल पीने के योग्य नहीं है, वहां सरकार को मिशन के रूप में पहले नल से जल देने की कार्ययोजना बनाकर काम करने की जरूरत है।

प्रदेश में इन गांवों में लोग आर्सेनिकयुक्त पानी पीने के कारण्ा संकट में हैं। हालांकि राज्य सरकार का दावा है कि इन गांव के लोगों को आसपास के इलाकों से पानी की व्यवस्था करा रहे हैं, मगर पीने के अलावा लोगों को अन्य जरूरतों के लिए भी शुद्ध पेयजल की जरूरत है। दरअसल, प्रदूषित भूजल का लोगों की त्वचा पर भी प्रभाव पड़ने की आशंका है।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना में छत्तीसगढ़ केंद्र से मिली राशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं कर पा रहा है। पिछले तीन वर्षों का आंकड़ा देखें तो पहले वर्ष केवल 18.85 प्रतिशत, दूसरे वर्ष 50.23 प्रतिशत और तीसरे वर्ष 26 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पाई है। वहीं इस वर्ष 2,223.98 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। हालांकि पहली किस्त के रूप में केवल 491 करोड़ रुपये ही अब तक जारी हुए हैं।

वर्षवार केंद्र से मंजूर राशि के उपयोग की स्थिति
वर्ष केंद्र से स्वीकृ त राशि उपयोग प्रतिशत राज्यांश
2019 208.04 39.23 18.85 37.55
2020 445.52 223.80 50.23 221.10
2021 1,908.90 498.69 26.12 488.63
2022 2,223.98 491 कार्य जारी कार्य जारी
(सभी राशि करोड़ रुपये में)

प्रदूषित इलाकों में नल से जल पहुंचाने का है प्रविधान
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत उन गांवों में पहले प्राथमिकता देने का प्रविधान है, जिन घरों में शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचता है। जानकारों की मानें घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से दूषित पानी, आर्सेनिक, फ्लोराइडयुक्त पानी से होने वाली स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से आजादी दी जानी है। यदि किसी बसाहट में शुद्ध जलस्रोत नहीं है तो दूसरी बसाहट या दूर के गांव से भी पानी लाने की व्यवस्था की जाएगी और गांवों में टंकी बनाकर नल के जरिए पानी लिया जाएगा। जरूरत के अनुसार कुछ बसाहटों या गांवों का समूह बनाकर भी घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। मगर यह काम अभी तक अधकचरा है।

अगस्त 2024 तक हर घर तक पहुंचाना है जल
अगस्त 2024 तक गांवों के हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है। राज्य में साढ़े तीन वर्षों में 34.57 प्रतिशत घरों में ही नल लगाया गया है। पिछले वर्ष प्रदेश में काम की गति संतोषजनक नहीं होने से केंद्र सरकार ने एक किस्त की राशि जारी करने के बाद बाकी की तीन किस्त रोक दी थी। प्रदेश में इस साल 50 लाख छह हजार 662 घरों में नल के जरिए जल पहुंचाना है, जबकि अब तक 17 लाख 30 हजार 580 घरों तक ही कनेक्शन पहुंच पाया है। जल जीवन मिशन के तहत अगस्त 2024 तक गांवों के हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

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