जिलेवासियो के लिए खुशखबरी आपकी अपनी ही बगान से मिलेगी रायगाढ़िया चाय की चुशकी


अब जिले होंगी चाय की खेती जिलेवासी उठाएगे रायगाढ़िया चाय की लुप्त
रायगढ़. चाय के शौकीन जिलेवासियों को जल्द ही रायगढिय़ा चाय मिल सकती है। इसकी तैयारी जिला प्रशासन स्तर पर शुरू हो चुकी है। इसके लिए शुरुआत में धरमजयगढ़ पांच एकड़ में नर्सरी तैयार की जाएगी। इसे बढ़ा कर २५ एकड़ तक किया जाना है।
पड़ोसी जिले जशपुर में चाय बगान लगातार बढ़ रहा है। चाय बगान के लिए जिस प्रकार से मौसम और जमीन चाहिए और वह वहां पर है। अब रायगढ़ जिले में भी चाय बगान बनाया जाना है। इसके लिए धरमजयगढ़ के चाप कछार को चिहिंत किया गया है। बताया जा रहा है कि चाय बगान के लिए ठंडा वातावरण के साथ ढलान युक्त जमीन चाहिए। इस तरह का वातावरण उक्त गांव हैं। यह गांव सरगुजा बार्डर से लगा है। ऐसे में इस क्षेत्र को चाय बगान के लिए चिन्हांकित किया गया है। प्रारंभिक रूप से पांच एकड़ में नर्सरी तैयार करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। विभागीय अधिकारियों की माने तो इस प्रस्ताव को कुछ माह पहले ही मुख्यमंत्री ने दी है। अब इसमें तैयारी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि चाय बगान के लिए वातावरण के अनुकुल प्रारंभिक रूप से चार एकड़ जमीन चिन्हांकित करते हुए नर्सरी बनाए जाने का काम भी शुरू किया जाएगा। आने वाले दिनों में २५ एकड़ तक नर्सरी तैयार करना है। वहीं इसके बाद आगे की रूपरेखा तय होगी।
गांव के लोगों को मिलेगा रोजगार
चाय बगान से इस क्षेत्र के लोगों को जहां नई पहचान मिलेगी वहीं इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस उद्देश्य को लेकर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस कार्य की रूपरेखा तय करने वाले प्रोफेसर डीएस मालिया के साथ जिला पंचायत सीईओ अबिनाश मिश्रा, नगर निगम आयुक्त संबित मिश्रा व अपर कलेक्टर राजीव पाडेंय कई बार निरीक्षण कर चुके हैं।
संयुक्त रूप से हो रहा प्रयास
बताया जा रहा है कि इस कार्य की मानीटरिंग उद्यानिकी विभाग के द्वारा किया जाना है। वहीं संसाधन उपलब्ध वन विभाग के द्वारा कराया जाएगा। साथ ही यहां कार्य की देखरेख वन प्रबंधन समिति के माध्यम से किया जाना है।

चाय बागान के लिए चिन्हांकित स्थल चापकछार की समुद्र तल से ऊंचाई 1050 से 1100 मीटर के बीच है। यहां की भौगोलिक स्थिति और वातावरण चाय और कॉफी के उत्पादन के अनुकूल है। यहां चाय काफी के बागान लग जाने से क्षेत्र में विशेष पहचान बनेगी और पर्यटन विकास भी होगा।


जिले में चाय बगान बनाने के लिए धरमजयगढ़ क्षेत्र के कंचीरा व लैलूंगा क्षेत्र में कार्य शुरू हो चुका है। शुरुआत में ४ एकड़ में काम किया जा रहा है। आने वाले समय में २५ एकड़ तक इसका विस्तार करना है।

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