बेशर्म: आईसीयू बेड के लिए मांगी 1.30 लाख की रिश्वत, पूरे पैसे नहीं थे तो किस्तों में ली रकम

भारत में कोरोना महामारी अपनी चरम सीमा पर है। संकट की इस स्थिति में एक ओर तो लोग एक-दूसरे की तरफ मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आपदा में अवसर तो तलाश रहे हैं, लेकिन सिर्फ अपने फायदे के लिए। लोग पहले ही कोविड-19 के घातक वायरस से जूझ रहे हैं और अब उनसे स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर रिश्वत ली जा रही है, जिससे वे पूरी तरह से टूट जा रहे हैं। रिश्वतखोरी का ताजा मामला राजस्थान के जयपुर से आया है। यहां एक निजी अस्पताल के पुरुष नर्स ने कोरोना मरीज के लिए आईसीयू बेड की व्यवस्था करने के लिए उसके परिवार से 1.30 लाख के रिश्वत की मांग की। पीड़ित परिवार के पास पूरे पैसे नहीं थे तो आरोपी ने रकम की किस्त बांध दी। इस बात की जानकारी मिलते ही राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने  नर्स को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

कोविड-19 मरीज के परिवार से मांगे थे 1.30 लाख रुपये

बता दें एसीबी ने पुरुष नर्स की गिरफ्तारी शनिवार (8 मई) को की। आरोपी की पहचान अशोक कुमार गुर्जर के रूप में की गई है। वह जयपुर के मेट्रो मास अस्पताल में एक नर्स के रूप में काम कर रहा था। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), एसीबी, बीएल सोनी के अनुसार, आरोपी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरयूएचएस) में आईसीयू बेड और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था के लिए कोविड मरीज के परिवार से 1.30 लाख रुपये की मांग की थी। डीजीपी ने कहा कि गुर्जर शिकायतकर्ता से 95 हजार रुपये पहले ही ले चुका था।

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया आरोपी

पुलिस ने कहा कि शिकायत का सत्यापन किया गया और आरोपी को उस दौरान गिरफ्तार किया गया जब वह शिकायतकर्ता से 23 हजार रुपये रिश्वत की किस्त के तौर पर ले रहा था। गुर्जर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसके घर की तलाशी ली जा रही है।

एक अन्य घटना में, 1 मई को एक निजी अस्पताल में काम करने वाली 25 वर्षीय महिला नर्स को दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने एक अन्य आरोपी, नजफगढ़ के रहने वाले नवीन को भी गिरफ्तार किया। वह नजफगढ़ में रेमडेसिवीर इंजेक्शन को हद से अधिक दाम पर बेचते हुए पकड़ा गया था। पुलिस ने नर्स के कब्जे से छह और दूसरे आरोपी नवीन से भी रेमडेसिवीर के दो इंजेक्शन जब्त किए।

आरोपी 35,000 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से इंजेक्शन बेचने की कोशिश कर रहे थे। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि पकड़ी गई नर्स उत्तम नगर के एक निजी अस्पताल में काम करती थी और उसने वहीं से रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने के उद्देश्य से खरीदे थे। पुलिस ने कहा कि आरोपी नवीन भी पहले उसी अस्पताल में काम कर चुका है।

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