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जेनेरिक दवाएं खोजने और खरीदने के लिए मेडकार्ट का डिजिटल प्लेटफॉर्म अब हिंदी और गुजराती में भी, मेडकार्ट पर 99.9% थेरेपी को कवर करने वाले 4,000 से ज्यादा ड्रग मॉलिक्यूल उपलब्ध है

अहमदाबाद: जेनेरिक दवाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने, जेनेरिक दवाओं तक लोगों की पहुंच को बढ़ाने के साथ लोगों को उन्हें खरीदने और आजमाने में मदद करने के लिए भारत में जेनेरिक दवाओं के प्रमुख ओमनी-चैनल रिटेलर मेडकार्ट ने अब अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म दो अतिरिक्त भाषाओं: हिंदी और गुजराती में लॉन्च किया है। इससे पहले इस साल, मेडकार्ट ने दो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किए थें, जिनमें से एक पोर्टल और एक एंड्रॉइड-सपोर्टेड मोबाइल एप्लिकेशन थीं। ये दोनों ऑनलाइन प्लेटफार्म कस्टमर को जेनेरिक दवाओं को खोजने, उनके बारे में जानने और उन्हें खरीदने में भी मदद करते हैं। अब इन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद सारा कंटेंट अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी और गुजराती में भी उपलब्ध होगा, जिससे कस्टमर को जेनेरिक दवाओं के बारें में जानने आसानी होगी।

यह प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने में बहुत आसान है और कस्टमर को उनकी स्थानीय भाषा में जानकारी प्रदान करता हैं। यह उन्हें 4,000 से ज्यादा ड्रग मॉलिक्यूल में से सबसे किफायती ऑप्शन को चुनने का मौका देता हैं। मेडकार्ट अपने दोनों प्लेटफार्म पर बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) के वीडियो को हिंदी और गुजराती में ट्रांसलेट करने पर भी काम कर रहा है।
मेडकार्ट के को-फाउंडर, अंकुर अग्रवाल ने क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट की पेश करने की पहल के बारे में कहा, “अंग्रेजी पूरी दुनिया की कॉमन भाषा है और किसी भी प्लेटफार्म को व्यापक पहुंच हासिल करने में मदद करती है, लेकिन यदि आप ग्रामीण इलाकों के लिए काम करना चाहते हैं तो स्थानीय भाषाओं का कोई विकल्प नहीं है। मेडकार्ट में हम समझ चुके हैं कि जेनेरिक दवाओं को स्वीकार करने में सबसे बड़ी चुनौती जागरूकता की कमी है। इसलिए, हमने जेनेरिक के बारे में जागरूकता फैलाने और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने की जिम्मेदारी अपने अपने ऊपर ले ली है। यहां तक कि अगर आप हमारी वेबसाइट पर कंटेंट को देखेंगे, तो यह प्रमुख रूप से जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और उनके महत्व को समझाने के लिए ही है।”
मेडकार्ट की इनसाइट के अनुसार, कम से कम 90% ग्राहक जो जेनेरिक दवाओं के बारे में जानते हैं और उनके प्रति रुचि रखते हैं, वे जेनेरिक दवाओं को अपनाते हैं। दूसरी ओर, 40% वॉक-इन ग्राहक जिन्हें जेनेरिक दवाओं के बारे में जानकारी दी जाती है, वे बाद में उन्हें अपना लेते हैं।

अंकुर अग्रवाल ने आगे कहा कि “इसलिए, जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता पैदा करने से मेडकार्ट को ग्राहकों के दवा के बिलों को कम करने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। एक ओमनी-चैनल फार्मेसी होने के नाते मेडकार्ट पूरे भारत में गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं वितरित करता है। हालांकि, हमारा अधिकांश व्यवसाय गुजरात और अन्य हिंदी भाषी राज्यों से आता है। इसलिए, जब हमने क्षेत्रीय भाषाओँ में जेनेरिक दवाइयों की जानकारी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया तो इन्हीं दोनों भाषाओँ से शुरुआत की। हम क्षेत्रीय भाषाओं में हमारे मंच को मिले फीडबैक का विश्लेषण करेंगे और फिर आगे की योजना बनाएंगे।”

जेनेरिक दवाओं के लिए मेडकार्ट के दो प्लेटफार्म का उद्देश्य केवल जेनेरिक दवाओं की बिक्री करना नहीं है, बल्कि वे उपभोक्ता को यह समझने में भी मदद करते हैं कि जेनेरिक क्या हैं, उनके लिए डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं के जेनेरिक विकल्प की खोज करने और यहां तक कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं और जेनेरिक दवाओं की कीमतों की तुलना कर उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं। ओमनी-चैनल रिटेलर मेडकार्ट के पश्चिमी भारत में 100 से ज्यादा रिटेल आउटलेट सफलतापूर्वक चल रहे हैं, और प्लेटफ़ॉर्म के साथ-साथ मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए भी इसके रिटेल बिजनेस विस्तार हो रहा हैं। मेडकार्ट अपने ग्राहकों को डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के बारे में पूरी जानकारी रखता है, जो कि लगभग 99.9% थेरेपी को कवर करते हैं।

अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हुए, मेडकार्ट ई-कॉमर्स अपनी डिजिटल प्रजेंस को मजबूत कर उसका प्रमुख भारतीय शहरों तक विस्तार करेगी। ये प्लेटफॉर्म सभी प्रमुख मेट्रो शहरों में एक ही दिन और अन्य भारतीय शहरों के लिए तीन से पांच दिनों के गैप में गुणवत्तापूर्ण, सस्ती जेनेरिक दवाएं डिलीवरी करने में मदद करेंगे।


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