





शेरगढ़ के भूंगरा गांव में सगतसिंह की ढाणी में सुरेन्द्र की शादी थी। बारात निकलनी थी लेकिन अर्थियां उठने लगीं।
शादी समारोह का एक घर। एक कमरे में दूल्हा शेरवानी पहन कर बारात ले जाने की तैयार कर रहा था। कुछ लोग भोजन कर रहे थे। महिलाएं आंगन में बैठीं मंगल गीत गा रही थीं। कुछ महिलाएं तैयार हो रही थीं। तभी एक गैस सिलेंडर फटा। धमाके के साथ पूरा घर आग की लपटों से घिर गया।
जोधपुर के शेरगढ़ में भूंगरा गांव का ये हादसा रूह कंपाने वाला है। उस दिन घर में मौजूद 100 से ज्यादा लोगों के बीच अफरा-तफरी मची। लोग भागे। 60 से ज्यादा लोग आग की चपेट में आ गए। 54 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
10 दिसंबर की रात तक यानि हादसा होने के तीन दिन बाद तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। 40 से ज्यादा अभी तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे वीभत्स हादसे के बारे में जिसने भी सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए।
एक-दो नहीं बल्कि पूरे 20 से ज्यादा परिवारों के लोग इस हादसे का शिकार हुए। कई मासूम बचे भी जल गए। महिलाएं भी चपेट में आ गईं। शादी के घर में उठ रही मंगल गीतों की आवाजें विलाप में बदल गईं। घर से अर्थियां उठी। जिसने भी यह दृश्य देखा वह अपने आंसू नहीं रोक पाया।
शब्दों से उस मंजर की भयावहता को बयां नहीं किया जा सकता। हादसे के वक्त से लेकर अब तक तस्वीरें आपके सामने हैं। इन तस्वीरों की खामोशी में ही कई कहानियां हैं।