जो तुम्हारे साथ सिर्फ अच्छे समय में हो,वह दोस्त नहीं – दर्शक होता है

आप की आवाज लेख

*”चेहरों के पीछे की सच्चाई”*
वह बहुत सीधा-सादा लड़का था — नाम था आर्यन। गाँव से शहर पढ़ने आया था। आँखों में सपने थे, दिल में सच्चाई और व्यवहार में विनम्रता। वह हर किसी पर विश्वास कर लेता था। कोई मदद माँगता तो बिना सोचे कर देता, कोई साथ बैठना चाहता तो जगह दे देता, कोई दोस्ती का हाथ बढ़ाता तो वह मन से पकड़ लेता।

शहर की दुनिया उसके लिए नई थी, लेकिन वह सोचता था — *“लोग भले होंगे, जैसे हमारे गाँव में होते हैं। यहाँ भी दिल होंगे, बस चेहरे अलग होंगे।”*

शुरुआत में सब कुछ अच्छा लगा। नए दोस्त मिले, जो हर दिन मुस्कराते, बातें करते, सेल्फी लेते, ज़िंदगी को रंगीन दिखाते। लेकिन एक दिन अचानक, सब बदल गया।

एक झूठी अफवाह फैली — कि आर्यन चोरी करता है।

उसने किसी का मोबाइल छूआ तक नहीं, लेकिन दोस्तों की मंडली ने बिना पूछे उसे दूर करना शुरू कर दिया। जिसने उसके साथ सबसे ज्यादा बातें की थीं, उसने उसे देखकर मुँह फेर लिया।

*”जो सबसे ज़्यादा हँसकर मिला करते थे, आज ऐसे नज़रें चुराने लगे जैसे पहचानते ही न हों।”*

आर्यन अकेला रह गया। उसने सबसे सफाई देने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। जो लड़के दिनभर उसके साथ घूमते थे, अब सोशल मीडिया पर उसके ख़िलाफ़ जोक्स बना रहे थे।

एक दिन वह बेहद टूट चुका था। बैठा था एक खाली बेंच पर, और खुद से एक ही सवाल पूछ रहा था –
*”क्या मैं इतना बुरा हूँ? या फिर दुनिया सच में इतनी नकली है?”*

उसी वक्त एक बुज़ुर्ग आदमी पास आकर बैठा। उन्होंने उसका चेहरा देखा और पूछा, “बेटा, क्या हुआ?”

आर्यन ने सब बता दिया।

बुज़ुर्ग मुस्कराए और बोले —
*”बेटा, इस दुनिया में हर मुस्कराता चेहरा अच्छा नहीं होता। लोग अपनी असलियत छुपाकर, चेहरे पर अच्छाई का मुखौटा पहनते हैं। ये वही लोग होते हैं जो सामने हँसते हैं, लेकिन पीछे वार करते हैं।”*

*”तू टूट मत। ये मत भूल कि जब सच्चाई अकेली पड़ जाती है, तभी वो सबसे ज्यादा मजबूत होती है।”*

उनकी बातों ने आर्यन को एक नई सोच दी। उसने अब अकेले रहना सीखा, लेकिन खुद को कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया। वह पढ़ाई में और मेहनत करने लगा। दिन-रात की लगन से उसने टॉप किया। वही लोग जो उसे छोड़ गए थे, अब उसके पास आने लगे।

लेकिन इस बार, उसने मुस्कराकर बस इतना कहा –
*“अब मैं चेहरे नहीं, दिल पहचानता हूँ। तुमने मुझे बहुत कुछ सिखाया है – किस पर भरोसा करना चाहिए और किस पर नहीं।”*

*संदेश (Message):*

*हर मुस्कुराता चेहरा सच्चा नहीं होता।*

*लोग दिखाते कुछ हैं, होते कुछ हैं – पहचान बनाने में नहीं, पहचानने में समय लगाओ।*

*दुनिया की सबसे बड़ी कला अब ‘फरेब’ बन चुकी है। इसलिए हर चमकती चीज़ को सोना न समझो।*

*जो तुम्हारे साथ सिर्फ अच्छे समय में हो, वह दोस्त नहीं – दर्शक होता है।*

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