ट्रेन हादसों को रोकने ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम कवच कि उठ रहीं है  मांग

भारतीय रेलवे के पास देश भर में इलेक्ट्रॉनिक और डीजल को मिलाकर  कुल 15 हजार से अधिक इंजन है इसके अलावा करीब 92 हजार कोच और करीब तीन लाख 27 हजार वेगन है किन्तु कवच सिस्टम सिर्फ 1290 इंजनों में ही लगाए जा सके है.?

बिलासपुर ट्रेन हादसा में अफरा तफरी की स्थिति कल पूरे दिन बनी रही है रात भर स्थिति को संभालने की कोशिश में पूरा रेल्वे अमला लगा हुवा था.कई यात्रि जो ट्रेन में फंसे हुए थे उनको कटर मशीन से काट कर बाहर निकाला गया और उनको अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है ज्यादा गंभीर मरीजों को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है.जिला अस्पताल एवं अरपा मेडिसिटी हॉस्पिटल रेलवे हॉस्पिटल में भी भर्ती है. सभी मरीजों का सघन जाँच और निरंतर इलाज जारी है.इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक आई जी संजीव शुक्ला कलेक्टर प्रशांत अग्रवाल एसपी रजनेश सिंह सभी घटना स्थल का जायजा निरीक्षण किया आहत लोगो को व्यवस्थित करने में दिशानिर्देश देते दिखे साथ ही उनके आव भाव में एक टेंशन देखने को मिला लोगो चीख चिल्लाहट से वें सब हैरान परेशान रहे.
जो लोग घायल है या जिनका सामान इधर उधर होने कि स्थिती में रेल्वे उनका रहने खाने कि व्यवस्था भी किया गया

इस पूरे मामले में सिग्नल फेल या अनदेखी जैसा मामला सामने आ रहा है जिसमें मालगाड़ी से कोरबा मेमू ट्रेन के सीधे टक्कर  में अब तक 11 लोगों की मौत होने खबरे आरही है चुकी है अब तक आंकड़े जो सामने आ रहे हैं उसमें बढ़ाने की स्थिति बनी हुई है क्योंकि इस हादसे में कई यात्री गंभीर रूप से घायल है जिनकी इलाज चल रही है.
ऑटो सिग्नल से सुरक्षा
लाल खदान के जिस क्षेत्र में ट्रेन दुर्घटना हुई है उसे क्षेत्र में ऑटो सिग्नल सिस्टम लगा हुआ है और यहां एक के पीछे एक सौ  मीटर के अंतराल में ट्रेन चलती है जिससे किसी तरह की कोई दुर्घटना होने की संभावना नहीं रहती किंतु इसी क्षेत्र में घटना हुई है जो की इस ओर इशारा करती है की ऑटो सिग्नल को लोको पायलट ने नजरअंदाज किया और सिग्नल ओवर शूट किया जिससे यह दुर्घटना कि संभावना जताई जा रहीं है

जानने लायक तथ्य

भारतीय रेलवे के पास देश भर में इलेक्ट्रॉनिक और डीजल को मिलाकर  कुल 15 हजार से अधिक इंजन है इसके अलावा करीब 92 हजार कोच और करीब तीन लाख 27 हजार वेगन है किन्तु कवच सिस्टम सिर्फ 1290 इंजनों में ही लगाए जा सके है कोयले की धुलाई में देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के फिलहाल किसी भी इंजन में कवच सिस्टम नहीं लगा है बीते-वर्ष में बिलासपुर जोन में 27 हजार करोड़ की कमाई का अनुमान है किन्तु कवच सिस्टम पर विचार अभी दूर कि कौड़ी है कवच सिस्टम पर 2016 में प्रशिक्षण शुरू किया गया था इससे ट्रेन हादसों को रोका जा सकता है लेकिन एक इंजन में कवच सिस्टम लगाने पर 80 से 90 लख रुपए का खर्च आता है प्रारंभिक रूप से परीक्षण कामयाब रहने पर वर्ष 2020 में सिस्टम स्थापित करने की शुरुआत की गई राज्यसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में जानकारी दी थी 30 जुलाई 2025 तक 1290 में कवच सुरक्षा प्रणाली स्थापित किया जा चुके हैं

आखिर कवच सिस्टम क्या है
कवच एक अत्याधुनिक  सिस्टम है जिसे जुलाई 2020 में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम के तौर पर अपनाने का निर्णय लिया गया था रेलवे के अनुसार इससे ट्रेन और लोको पायलेट्स को अत्यधिक सुरक्षा संरक्षण मिलती है या लोको पायलट के फेल होने पर ऑटोमेटिक ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलने में मदद करता है किन्तु यह सिस्टम सभी ट्रेनो में उपलब्ध नहीं है. हादसे होना स्वभाविक है क्योंकि रेल्वे का जाल इतना वृहद है जहाँ पर मानव सोच का विफल होना स्वभाविक है ऐसी स्थिती से निपटने केलिए ही ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम कवच बनाया गया है किन्तु रेल्वे सिर्फ कमाई करने पर ध्यान दें रहीं है सुरक्षा पर नहीं अगर सिर्फ इसी हादसे का आकलन किया जाए तो जान माल का नुकसान कई सौ करोड़ में होगा जिसे बचाया जा सकता था पर रेल्वे ऐसा करना नहीं चाहती.?

रेलवे ने हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये गंभीर रूप से घायल को 5 लाख और सामान्य घायलों को एक लाख देने की घोषणा की है वही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मृतको के परिजन को 5 लाख और घायलों को ₹50 हजार देने की घोषणा की है

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा जारी बुलेटिन में

बिलासपुर स्टेशन के समीप दिनांक 04 नवम्बर, 2025 को हुई मालगाड़ी एवं मेमू लोकल के डिरेलमेंट की इस घटना में 11 यात्रियों की मृत्यु एवं 20 यात्री घायल हुए है।

रेल प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिए गए थे तथा घायलों को नजदीकी अस्पतालों में समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रभावित घायल यात्रियों का विवरण इस प्रकार है :-

  1. मथुरा भास्कर, स्त्री, आयु 55 वर्ष
  2. चौरा भास्कर, पुरुष, आयु 50 वर्ष
  3. शत्रुघ्न, पुरुष, आयु 50 वर्ष
  4. गीता देबनाथ, स्त्री, आयु 30 वर्ष
  5. मेहनिश खान, स्त्री, आयु 19 वर्ष
  6. संजू विश्वकर्मा, पुरुष, आयु 35 वर्ष
  7. सोनी यादव, स्त्री, आयु 25 वर्ष
  8. संतोष हंसराज, पुरुष, आयु 60 वर्ष
  9. रश्मि राज, स्त्री, आयु 34
  10. ऋषि यादव, आयु 2 वर्ष
  11. तुलाराम अग्रवाल, पुरुष, आयु 60 वर्ष
  12. अराधना निषाद, स्त्री, आयु 16 वर्ष
  13. मोहन शर्मा, पुरुष, आयु 29 वर्ष
  14. अंजूला सिंह, स्त्री, आयु 49 वर्ष
  15. शांता देवी गौतम, स्त्री, आयु 64 वर्ष
  16. प्रीतम कुमार, पुरुष, आयु 18 वर्ष
  17. शैलेश चंद्र, पुरुष, आयु 49 वर्ष
  18. अशोक कुमार दीक्षित, पुरुष, आयु 54 वर्ष
  19. नीरज देवांगन, पुरुष, आयु 53 वर्ष
  20. राजेंद्र मारुति बिसारे, पुरुष, आयु 60 वर्ष

घटना में घायलों को त्वरित अनुग्रह सहायता राशि के अग्रिम के रूप में ₹50,000/- प्रत्येक की राशि प्रदान की गई है।

वर्तमान में घायलों का उपचार विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है।

रेल प्रशासन द्वारा सभी अस्पतालों से लगातार संपर्क बनाए रखा गया है तथा प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति के लिए चिकित्सा, परिवहन एवं आवश्यक सहयोग सुनिश्चित किया गया है।

वरिष्ठ रेल अधिकारी निरंतर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है

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