
Srilanka Crisis: भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत की तरफ से कई बार मदद दी गई है। एक बार फिर भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इसी के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि श्रीलंका के साथ सभी वैध व्यापार सौदों का निपटान एशियाई समाशोधन संघ (ACU) व्यवस्था के बाहर किसी भी स्वीकृत मुद्रा में किया जा सकता है. भारत गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलका को ऋणसुविधा उपलब्ध करा रहा है.
तत्काल प्रभाव से लागू होगा निर्देश
आरबीआई की तरफ से कहा गया कि ‘यह निर्णय लिया गया है कि श्रीलंका के व्यापार लेन-देन समेत सभी पात्र चालू खाता सौदा अगले नोटिस तक एसीयू व्यवस्था के बाहर स्वीकृत मुद्रा में किया जा सकता है.’ रिजर्व बैंक ने भारत-श्रीलंका व्यापार बैंकों को जारी परिपत्र में यह बात कही है. यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. बांग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमा, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका फिलहाल एसीयू के सदस्य हैं.
1974 में हुई एसीयू की स्थापना
क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) की पहल पर 9 दिसंबर, 1974 में एसीयू की स्थापना की गई थी. इसका मुख्यालय तेहरान में है. समाशोधन संघ का मुख्य उद्देश्य बहुपक्षीय आधार पर पात्र लेनदेन के लिये सदस्य देशों के बीच भुगतान की सुविधा प्रदान करना है.
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूएस में आयोजित आईएमएफ स्प्रिंग मीट में अपने श्रीलंकाई समकक्ष अली साबरी को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया था। गौरतलब है कि श्रीलंका आजादी के बाद सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और दिवालिया होने की कगार पर है.