
तीन दिवसीय यज्ञ प्रशिक्षण शिविर में हो रहा है महिलाओं का प्रशिक्षण,अब कन्याएं कराएंगी कर्मकांड
आप की आवाज
*यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म आचार्या श्रुतकीर्ति*
*तीन दिवसीय यज्ञ प्रशिक्षण शिविर में हो रहा महिलाओं का प्रशिक्षण*
*कन्याओं को मंत्र पाठ एवं यज्ञ विधि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।*
*अब कन्यायें कराएंगी कर्मकांड*
*ओजस योग मंदिर एवं महिला पतंजलि के तत्वाधान में तीन दिवसीय यज्ञ प्रशिक्षण शिविर का आयोजन विधिवत शुरू किया गया। प्रशिक्षण शिविर के दौरान शामिल प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कानपुर से आई वेद विदुषी आचार्या श्रुतकीर्ति ने कहा- गीता में भगवान कृष्ण ने संसार का श्रेष्ठतम कर्म यज्ञ को बताया है यज्ञ की प्रक्रिया व्यक्ति के जीवन को पवित्र बनाती है। यज्ञ करने वाला प्राणी कभी दुखी नहीं हो सकता l
गुरुकुल प्रभात आश्रम मेरठ के स्नातक आचार्य डॉ. अजय आर्य ने यज्ञ के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि यज्ञ मन को परिवर्तित करता है। नियमित यज्ञ सद विचार व सद कर्म के लिए प्रेरित करता है l दुर्व्यसन दुर्विचार से ग्रसित मन दुश्मन बनता है।दीवारें यज्ञशाला को बांध नही सकती l इसी तरह यज्ञ करने वाले का मन में ईर्ष्या द्वेष छल कपट की दीवारो से मुक्त होता है l
ओजस योग मंदिर की संचालिका संजय अग्रवाल की सुपुत्री श्रेया अग्रवाल ने बताया यज्ञ प्रशिक्षण शिविर में क्षेत्र की कन्याएं कन्याएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। आज द्वितीय दिवस में 13 यज्ञ कुंडों में 31 कन्याओं ने आहुति दी। प्रशिक्षण के दौरान कन्याओं को वेद मंत्रों के पाठ उच्चारण तथा यज्ञ करने की विधियां सूक्ष्म रुप से सिखाई जा रही है। आने वाले समय में इस क्षेत्र की कन्याएं वैदिक कर्मकांड कराने में माहिर होंगी। ओजस योग मंदिर का मानना है कि महिलाओं को धर्म कर्म की सटीक जानकारी मिलने से वे अंधविश्वास और पाखंड से बच सकती है l
