तुलसी के पत्तों की माला का ये उपाय है बहुत चमत्कारी, करते ही अच्छे दिनों की हो जाएगी शुरुआत

Shani Ke Upay: शनिदेव व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. व्यक्ति के अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा मिलता है. ऐसे में अगर किसी जातक पर शनि की साढ़े साती या फिर शनि ढैय्या चल रही है, तो व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है. कुंडली में शनि का नाम सुनते ही व्यक्ति कांपने लगता है. और शनि को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करता है. ताकि शनिदेव की शुभ दृष्टि पाई जा सके. शनिवार के दिन कुछ उपायों के अपना कर शनि की महादशा से मुक्ति पाई जा सकती है.  साथ ही, शनि के प्रभावों को भी कम किया जा सकता है.

शनि साढ़े साती या ढैय्या को कम करने के उपाय 

तुलसी के पत्तों का उपाय- ज्योतिष शास्त्र में तुलसी को पवित्र माना गया है. ऐसे में शनि के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए व्यक्ति तुलसी के 108 पत्तों की माला बना लें और उस पर श्री राम का नाम लिखें. और नियमित रूप से हर शनिवार हनुमान जी को ये माला पहनाएं. ऐसा कम से कम 40 शनिवार तक लगातार करना है. माना जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने से शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है.

शनिवार को व्रत रखें- अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन व्रत रख सकते हैं. शनिवार के व्रतों की शुरुआत शुभ दिन देखकर करें या फिर व्रत शुरू करने से पहले किसी पंडित से सलाह ले लें. शनिवार के कम से कम 40 व्रत रखें. इस दिन शाम के समय उड़द की दाल की खिचड़ी बना कर मंदिर में सभी देवी-देवताओं को भोग लगाएं. आरती और पूजा करने के बाद खुद भी खिचड़ी खाएं.

धारण करें लोहे का छल्ला- साढ़े साती और ढैय्या की बुरी दशा झेल रहे जातकों को शनिवार के दिन हाथ में लोहे का छल्ला धारण करने की सलाह दी जाती है. ये लोहे का छल्ला या अंगूठी काले घोड़े की नाल या नाव की कील का होना चाहिए. साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि अंगूठी भट्टी में गर्म करके न बनाई गई हो. इसे शनिवार के दिन शनि की अंगूली यानी की मध्यामा अंगूली में पहनें.

सुंदरकांड पाठ करें- मान्यता है कि शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के सभी भय समाप्त हो जाते हैं और हनुमान जी की भक्ति से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं. ये सुदंरकांड का पाठ किसी शुभ दिन से आरंभ करके मंगलवार और शनिवार के दिन करना चाहिए. और 40 मंगलावर और शनिवार तक करें.

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