
दर्द होने पर बिना डॉक्टरी सलाह के खाते हैं पेनकिलर, इन बीमारियों को दे रहे न्योता
नई दिल्ली : Painkillers Long Run effects: अक्सर देखा गया है कि शरीर में कहीं भी दर्द होते ही उसे बर्दाश्त किए बिना और डॉक्टर की सलाह लिए बिना पेनकिलर खा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा लंबे समय तक करने से आपको कई सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. कई शोध भी ये दावा कर चुके हैं कि हर समय पेनकिलर्स खाने से दवाएं ना सिर्फ काम करना बंद कर देती हैं बल्कि लंबे समय बाद इनके साइड इफेक्ट्स भी दिखने लगते हैं. आइए जानें पेनकिलर्स कैसे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
लीवर हो सकता है डैमेज
विशेष रूप से पेरासिटामोल से जुड़े पेनकिलर से लीवर डैमेज होने का खतरा होता है. पैरासिटामोल के कारण शरीर में मेटाबॉलिज्म से बनने वाले पेरोक्साइड, लीवर के लिए जहरीले हो सकते हैं.
पेट दर्द और अल्सर
पेनकिलर दवाएं जैसे इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और नेप्रोक्सन पेट की परत को इरिटेट और डैमज कर सकती हैं. यदि आपको पहले से ही अल्सर की समस्या है तो इस स्थिति में ब्लीडिंग भी हो सकती है.
डिप्रेशन
पेनकिलर दवाएं डिप्रेशन का इलाज करने वाली दवाओं के असर को कम कर देती हैं. जो लोग एंटीडिप्रेसेंट लेते हैं, उन्हें पेनकिलर (जैसे एनएसएआईडीज) के बार-बार उपयोग से बचना चाहिए.
किडनी फेल होने का रहता है खतरा
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग पेनकिलर जैसे इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन का सेवन नियमित करते हैं तो उन्हें किडनी फेल होने का खतरा बढ़ सकता है. जिन लोगों को पहले से ही किडनी की समस्या है तो उन्हें और अधिक रिस्क रहता है.
गर्भवती महिलाएं जो गर्भावस्था के पहले 20 हफ्तों के दौरान पेनकिलर दवाओं (जैसे एनएसएआईडी) का उपयोग करती हैं, उनके गर्भपात की संभावना अधिक होती है.
गैस्ट्रिक इरिटेशन
गैस्ट्रिक इरिटेशन पेनकिलर दवाओं के सबसे आम दुष्प्रभावों में से एक है, खासकर जब इसे खाली पेट लिया जाता है. इसके परिणामस्वरूप एसिडिटी होना और उसके कारण उल्टियां तक हो सकती है. यदि आप एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न से पीड़ित हैं, तो आपको पेनकिलर दवाए डॉक्टरर से पूछे बिना नहीं लेनी चाहिए.
कार्डियोवैस्कुलर संबंधी समस्याएं
शोधों से पता चला है कि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) के उपयोग से कुछ ही हफ्तों के उपयोग के बाद दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग इन दवाओं का उपयोग करते हैं उनमें दिल का दौरा पड़ने का जोखिम उन लोगों की तुलना में 20 से 50 प्रतिशत अधिक होता है जो इन दवाओं का उपयोग नहीं करते हैं.