दिव्यांगो को स्कूटी देने का झूठा वादा छत्तीसगढ़ सरकार, समाज सेवी= मनोज पटेल

*दिव्यांगो को स्कूटी देने का झूठा वादा छत्तीसगढ़ सरकार समाज सेवी= मनोज पटेल
गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
दिव्यांगो के लिए बहुत से योजनाएं केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकार की ओर से हैं। लेकिन इस योजनाओं का दिव्यांगजनो को नहीं मिल पा रहे हैं।इसका जिम्मेदार किसे ठहराया जाये। पंचायत को या शासन को?जो दिव्यांगजनो को शासन से मिलने वाली सुविधा नहीं मिल पा रही हैं।शासन से मिलने वाली योजनाओं जो कि दिव्यांगजनो को सहायक उपकरणों का उपयोग दिव्यांग के शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को बढ़ावा देता है और उनकी दिव्यांगता को कम कर सकता है। शासन से दिव्यांगो को योजना के तहत अध्यनरत छात्र-छात्राओं दिव्यांगजनो के जीवन स्तर में सुधार एवं वृद्धि तथा आर्थिक स्तर में समृद्धि लाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग कौशल विकास प्रशिक्षण में सलंग्न दिव्यांगजनो को निंशुल्क पेट्रोल चलित, टू-व्हीलर स्कूटर/ स्कूटी (दो अतिरिक्त पहियों के साथ) दियें जाने का जिसमें अध्ययनरत छात्र/छात्राओ को विशेष प्राथमिक दिये जाने का प्रवधान हैं इसके लिए आयू सीमा 18 से 40 वर्ष को विशेष प्राथमिकता का नियम तथा जिस दिव्यांगजनो के दिव्यांग प्रमाण पत्र में 60% से ज्यादा हैं तथा ऐसे दिव्यांगजन जो रोजगार/स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं या स्कूल-कॉलेजों में अध्ययनरत हैं, जिसकी उम्र सीमा कम से कम 18 से 40 वर्ष  हैं।लेकिन रोजगार या स्वरोजगार में नियोजित दिव्यांगजनो के लिए आयु सीमा 40 वर्ष से 60 वर्ष तक होना चाहिए।इनकी दिव्यांगता का प्रतिशत 70 या उससे अधिक हैं पर भी दिव्यांगजनो को उपकरणों के लिए भटकना पड़ रहा हैं तथा दिव्यांगजनो को सुविधा अनुसार
विभागीय जिला कार्यालय में आवेदन देकर पेट्रोल चलित टू व्हीलर ले सकते हैं
ऐसे दिव्यांगजन जो रीढ़ की हड्डी में चोट, पोलियों से ग्रसित विशेष रूप से निचले अंग से प्रभावित व्यक्ति हैं। उसे जनपद पंचायत या नजदीक गांवो में शिविर लगा कर दिव्यांगजनो को उपकरण का देने का नियम हैं साथ ही सभी पंचायतों का सरपंच सचिव का भी जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजनो को किसी भी प्रकार की आवश्यकता होने पर दिव्यांगजनो को दिलाने का नियम है लेकिन उपकरण नहीं दिलाया जाता हैं और जब दिव्यांगजन समाज कल्याण में उपकरण कि मांग के लिए जाता हैं । दिव्यांगजनो को सीधा गरियाबंद जाना पड रहे हैं।जो कि कई दिव्यांगजन गरियाबंद जाने में असमर्थ होते हैं।जबकि नियम को देखे तो दिव्यांगजनो को उसकी सुविधाओं के अनुसार मांग को पूरा किया जाने का हैं पर ऐसा नहीं हो रहे हैं। इस कारण से समाज सेवी मनोज पटेल ने समाज कल्याण विभाग एवं शासन प्रशासन से आग्रह किया हैं कि दिव्यांगजनो को जनपद पंचायत एवं पंचायत में आदेश देकर सभी उपकरण उपलब्ध कराये। दिव्यांगजनो दिये जायें।

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