दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का सिम्स में हुआ गर्भपात

पीड़िता दुष्कर्म के बाद पांच माह से गर्भवती रही थी जानकारी के अनुसार यह घटना मुंगेली क्षेत्र अंतर्गत सिटी कोतवाली पुलिस थाना की है। मामले में पुलिस ने धारा 376 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामलों पीड़िता को अबॉर्शन की छूट दी

बिलासपुर।। सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में रविवार की रात दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का गर्भपात कराया गया है। पीड़िता दुष्कर्म के बाद पांच माह से गर्भवती रही थी जानकारी के अनुसार यह घटना मुंगेली क्षेत्र अंतर्गत सिटी कोतवाली पुलिस थाना की है। मामले में पुलिस ने धारा 376 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। लगभग पांच महीने पहले मुंगेली क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग को उसी क्षेत्र में रहने वाला युवक श्याम मुकेश ने प्रेमजाल में फास लिया। इसके बाद नाबालिग से लगातार दुष्कर्म करता रहा।

ऐसी स्थिति में वह प्रेग्नेंट हो गई। नाबालिग में प्रेग्नेंट होने से उसे जान का खतरा था। तकलीफ होने पर उसे इलाज के लिए सिम्स आना पड़ा। सिम्स में रविवार की रात उसका गर्भपात करवाया गया। सिम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ नीरज शेंडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामलों पीड़िता को गर्भपात की छूट दी है। इसी के तहत डॉक्टरों की टीम ने उसका एबार्शन कराया है।

सिम्स के मेमो के बाद अपराध दर्ज
सिटी कोतवाली थाना पुलिस पहले तो नाबालिग के साथ हुई इस घटना को लेकर सोच में पड़ गई लेकिन बाद में सिम्स से मेमो मिलने के बाद उस आरोपी युवक के खिलाफ जुर्म दर्ज करना पड़ा। मामले में एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल का कहना है कि क्योंकि मामला मुंगेली क्षेत्र का है इसलिए सिटी कोतवाली थाने में आरोपी युवक के खिलाफ जीरो में रिपोर्ट दर्ज की गई है। नाबालिग 5 महीने की गर्भवती थी और डॉक्टरों ने उसका गर्भपात कर दिया है।

ये कहता है मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट
मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) एक्ट 2021 के अनुसार, गर्भवती महिला 24 हफ्ते तक गर्भपात करा सकती है। यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म, नाबालिग या गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव (विधवा और तलाक), शारीरिक रूप से अक्षम और मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को गर्भपात की अनुमति है। साथ ही वे महिलाएं भी गर्भपात करा सकती हैं, जिनके गर्भ में पल रहे भ्रूण में विकृति हो ।

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