दो अपराजित योद्धाओं के बीच होगा लैलूंगा विधान सभा 2023 की जंग।
1998के बाद अब लेंगे विजय प्राप्त करने वाले प्रत्याशी दूसरी बार विधानसभा की सदस्यता का शपथ।
लैलूंगा। विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही दोनो पार्टी ने मोर्चा संभाल लिया है। जहा बीजेपी ने कल अपने पत्ते खोलते हुवे जनता के आशानुरूप पूर्व संसदीय सचिव सुनीति राठिया पर विश्वाश जताते हुवे अपना प्रत्याशी तय कर दिया है।श्रीमती सुनीति सत्यानंद राठिया विधान सभा के तमनार ब्लाक की आदिवासी नेत्री है जो पूर्व में तमनार जनपद की सदस्य निर्वाचित होने के बाद तमनार जनपद पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी है वही उन्हें जिला पंचायत के सदस्य बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हूवा है 2013 में उन्होंने विधानसभा लैलूंगा के भूतपूर्व कांग्रेस विधायक हृदय राम राठिया को हारकर विधायक बनने के साथ साथ संसदीय सचिव बनकर जनता की सेवा की वही 2018 विधानसभा चुनाव में ना जाने क्यों बीजेपी ने अपने इस अजेय प्रत्याशी को नजर अंदाज कर इनके पति श्री सत्यानंद राठिया पर विश्वाश जताया। वही हम कांग्रेस की ओर की चर्चा करे तो ज्ञात होगा की वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार की टिकट लगभग पक्की है। उनके राजनीतिक सफर पर नजर दौड़ने पर हमे ज्ञात होगा की उनकी राजनीति जीवन की शुरुआत ग्राम पंचायत के पंच से हुई उसके बाद वे ग्राम पंचायत के सरपंच बने फिर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष फिर लगातार दो बार जनपद सदस्य फिर जनपद अध्यक्ष फिरा जिला पंचायत सदस्य और उसके पश्चात विधायक पंच से ले कर विधायक तक का उनका सफर उनके अजेय होने की कहानी अपने आप बयां करती है। अब हम उपरोक्त दोनों प्रत्यशियो के जातिगत समीकरण पर नजर दौड़ाएं तो हमे ज्ञात होगा की सुनीति सत्यानंद राठिया जहा कवर समाज से आती है वही चक्रधर सिंह सिदार गोड समाज से आते है विधान सभा में जहा 70 प्रतिशत आदिवासियों में 35 प्रतिशत गोड समाज और 20 प्रतिशत कवर समाज और 15 प्रतिशत अन्य आदिवासी समुदाय के मतदाता है।वही विधानसभा के तीनो विकासखंड के मतदाताओं पर नजर दौड़ाएं तो हमे ज्ञात होगा की विधान सभा पर दो लाख एक हजार एक सौ तीस मतदाता है जिनमे लगभग 57 प्रतिशत मतदाता लैलूंगा विकासखंड से वही 34 प्रतिशत मतदाता तमनार विकासखंड से और 9 प्रतिशत मतदाता रायगढ़ विकास खंड से आते है ।विधान सभा के अब तक के समस्त विधायको में नजर दौड़ाएं तो आठ बार इस विधानसभा पर अब तक गौड़ समाज का कब्जा रहा है और तीन बार कवर समाज का कब्जा रहा है। किस क्षेत्र विकाश खंड के लोग ज्यादा बार विधायक बने है चार बार रायगढ़ राज परिवार इन्हे लैलूंगा क्षेत्र का मानना बेमानी होगी वही पांच बार तमनार विकाश खंड और मात्र दो बार लैलूंगा विकाश खंड के प्रत्याशी जीतकर कर विधान सभा पहुंचे है।अब इस चुनाव में दोनो अपराजेय प्रत्याशियों में जीत का सेहरा किसके सर पर बंधता है यह देखना दिलचस्प होगा। अब तक दो बार ही तमनार क्षेत्र को सत्ता पक्ष का विधायक बनाने का सौभाग्य मिला है।तो लैलूंगा क्षेत्र के अभी तक सिर्फ एक बार सत्ता पक्ष का विधायक बनाने का सौभाग्य मिला है। अब आने वाले समय में क्षेत्रीयता वाद समाज वाद के साथ साथ किन मुद्दों के आधार पर विधान सभा की जनता अपना विधायक चुनती है यह देखना दिलचस्प होगा।