
दो गुम नाबालिक बच्चियों को, सूचना के चंद घंटों में ढूंढ किया सकुशल परिजनों के सुपुर्द…………..
जशपुर पुलिस का ऑपरेशन मुस्कान जारी
➡️ गौरतलब है कि जशपुर पुलिस गुम बच्चों को ढूंढने हेतु अत्यंत संवेदनशील है, जिसके तारतम्य में जशपुर पुलिस के द्वारा ऑपरेशन मुस्कान के तहत् वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह के नेतृत्व व दिशा निर्देश व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री अनिल कुमार सोनी (नोडल अधिकारी ऑपरेशन मुस्कान) के मार्गदर्शन में लगातार प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में जाकर गुम बच्चों को ढूंढने लगातार प्रयास कर रही है, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिल रही है। सक्रिय मुखबीर तंत्र, पुलिस के टेक्निकल टीम की मदद व गुम बच्चों के परिजनों के सहयोग से जशपुर पुलिस ने विगत एक वर्ष से अब तक 153 गुम बच्चों को ढूंढ सकुशल परिजनों के सुपुर्द किया है।
➡️ इसी क्रम में मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 26.03.25 को थाना तपकरा क्षेत्रांतर्गत एक ही गांव के दो प्रार्थियों ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उनकी 17वर्षीय नाबालिक बेटियां जो कि कक्षा 12 में पढ़ती हैं, घर वालों को बिना बताए कहीं चली गई हैं, आस पास रिश्तेदारों, पड़ोसियों में पता तलाश किया कहीं पता नहीं चला।
➡️ रिपोर्ट पर मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल थाना तपकरा पुलिस के द्वारा मामले के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराते हुए , गुम इंसान दर्ज कर,बीएनएस की धारा 137(2) के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना में लिया गया व पुलिस गुम नाबालिक बालिका की पतासाजी मे हेतु प्रयास में लग गई।
➡️ विवेचना दौरान सक्रिय मुखबीर तंत्र, परिजनों के सहयोग व पुलिस की टेक्निकल टीम की मदद से पुलिस को दोनों नाबालिक बच्चियों के उड़ीसा राज्य के एक गांव में होना पाये जाने पर तत्काल पुलिस की टीम मौके के लिये रवाना हुई, जहां से पुलिस के द्वारा दोनों नाबालिक बच्चियों को दस्तयाब कर सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। नाबालिक बालिकाओं के साथ किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटनाएं नहीं हुई है।
➡️ पूछताछ पर दोनों नाबालिक बच्चियों ने बताया कि वे अपने घर वालों के किसी बात से नाराज होकर, बिना बताए, उड़ीसा राज्य के एक गांव में अपने रिश्तेदार के यहां गई थी।
➡️ नाबालिक बालिका की बरामदगी एवं विवेचना कार्यवाही में थाना प्रभारी तपकरा निरीक्षक संदीप कौशिक, सहायक उप निरीक्षक श्री अनिल सिंह कामरे, आरक्षक हरिनंदन साय, नीलम साय पैंकरा, महिला आरक्षक पुष्पा पैंकरा की सराहनीय भूमिका रही है।
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