9 महीने से अचानक गायब महिला आरक्षक मामले मे भाजपा ने की न्यायिक जांच की मांग, पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

पुलिस हेडक्वाटर में पदस्थ महिला आरक्षक है रहस्मय तरीके से नौ महीने से लापता

रायगढ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री श्री ओपी चौधरी ने पुलिस मुख्यालय में पदस्थ महिला आरक्षक के रहस्यमय तरीके से गायब होने की घटना पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की हैं। उन्होंने भूपेश सरकार से पूछा है कि पिछले नौ महीने से महिला आरक्षक गायब है मगर, पुलिस विभाग ने अब तक मामले को संज्ञान में क्यो नही लिया ? ड्यूटी पर अनुपस्थित आरक्षक के स्थायी पते पर कोई सूचना या नोटिस क्यो नही भेजी गई। जिस सीआईडी पर राज्य के गूढ़ मसले हल करने की जिम्मेदारी है वह अपनी ही सहकर्मी के मामले में सोता क्यो रहा ? ऐसा क्यो है कि आरक्षक की माँ के आवेदन के बाबजूद पुलिस महज गुमशुदगी का मामला दर्ज कर हाँथ पर हाँथ धरे बैठी है। आखिर आरक्षक अंजना सहिस के साथ ऐसा क्या हुआ है जिसे प्रदेश की पुलिस छुपाना चाहती है।

गौरतलब है कि रायगढ़ में कई साल तक आरक्षक के पद पर तैनात अंजना सहिस का रायपुर पुलिस मुख्यालय तबादला हो गया था जहां उसे सीआईडी में तैनात किया गया था। ड्यूटी के दौरान अचानक वह लापता हो गई जिस पर पुलिस का कहना है कि उसने तीन महीने की छुट्टी का आवेदन दिया था। श्री चौधरी ने हैरानी जताते हुए कहा कि यह आश्चर्य का विषय है कि अपने ही विभाग की महिला सहकर्मी की अफसरों ने नौ महीने तक कोई सुध नही ली। यह अवधि और भी लम्बी हो सकती थी यदि महिला आरक्षक की माँ पुलिस में आवेदन दे कर मीडिया के पास न जाती। पुलिस ने अभी तक कोई प्रारंभिक जांच तक शुरू नही की है। न तो महिला आरक्षक के मोबाइल की लास्ट लोकेशन ट्रेस की गई है और न उन सहकर्मियों से पूछताछ हुई है जिनके साथ वो अंतिम बार देखी गई थी।

श्री ओपी चौधरी ने कहा है कि पूरा मामला जिस रहस्मय हालात की ओर इशारा कर रहा है वो पुलिस की भूमिका पर संदेह पैदा करने के लिए काफी है। पुलिस हेडक्वाटर में पदस्थ महिला आरक्षक के यूँ लापता होने की घटना कोई साधारण घटना नही है। मामले का विभिन्न पहलुओं से जांच की आवश्कता है। श्री चौधरी ने प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग भूपेश सरकार से की है।

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