
आजादी के खिलाफ लड़ाई कमजोर न हो इसलिए फाँसी चढ़ गए भगत सिंह :- ओपी चौधरी
बलिदान दिवस पर भगत सिंह के लिखे पत्र का सार ओपी ने बताया
रायगढ :- देश के युवाओ के आदर्श बने क्रन्तिकारी भगत सिंह के बलिदान दिवस पर फाँसी के एक दिन पहले लिखे पत्र को सोशल मंच पर जारी करते हुए भाजपा प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि भगत सिंह सिर्फ इसलिए फाँसी चढ़ गए ताकि आजादी के खिलाफ आंदोलन कमजोर न हो l ओपी चौधरी ने कहा कि भगत सिंह ने देश को अंग्रेजो के चंगुल से तो छुड़ा दिया लेकिन आज भी बेरोजगारी अशिक्षा व भ्रष्टाचार से देश मुक्त नही हो पाया है l इसके खिलाफ बड़ी लड़ाई की जरूरत है l आजादी के बाद से लेकर आज तक आम आदमी के मुलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से काम नही किया गया l भगत सिंह जैसे क्रांतिकारीयो में देश को अंग्रेजी हुकूमत के चंगुल से मुक्त करा दिया लेकिन देश भ्रष्ट राजनैतिक व्यवस्था के चंगुल में फँस गया l बाबा साहब अंबेडकर के संविधान ने जो संवैधानिक व्यवस्थाएं बनाई है भाजपा उनके बताए मार्ग का अनुशरण कर रही है l भाजपा की नीतियों के सुशासन के अलावा भयमुक्त वातावरण निर्मित करते हुए विकास कार्य आम जनों तक पहुँचाना है तभी भगत सिंह का बलिदान सार्थक होगा और उनके अपनो का भारत बनेगा l भाजपा नेता ओपी चौधरी ने फाँसी के दिन पहले लिखे पत्र को सोशल मंच में जारी किया जिसमें भगत सिंह ने लिखा था कि स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए l मैं इसे छिपाना नही चाहता l लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नही चाहता l
मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है l औऱ क्रांतिकारी दलों के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया _ इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा हरगिज नही हो सकता l
आज मेरी कमजोरियां जनता के सामने नही है l अगर मैं फाँसी से बच गया तो वे जाहिर हो जाएंगी और क्रांति का प्रतीक चिन्ह मद्धिम पड़ जायेगा या सम्भवतः मिट ही जाए l लेकिन दिलराना ढंग से हँसते हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएं अपने बच्चों को भगतसिंह बनने की आरजू किया करेंगी l और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालो की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांन्ति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों की बूते की बात नही रहेगी l
हाँ एक विचार मेरे मन मे आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल मे थी उनका हंजरवा भाग भी पूरा न कर सका lअगर स्वतंत्र जिंदा रह सकता तब शायद इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरा कर सकता l
इसके सिवाय मेरे मन मे कभी कोई लालच फांसी से बचे रहने का नही आया l मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा ? आजकल मुझे स्वयं पर बहुत गर्व है l अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार है l कामना है कि यह औऱ नजदीक आ जाये l उनके पत्र से यह स्पष्ट है कि भगत सिंह ने देश हित को उपर रखा तभी देश आजाद हो पाया l छत्तीसगड़ी युवाओ को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात भी ओपी ने कही l भगत सिंह का बलिदान हमे ऐसा सिस्टम बनाने की प्रेरणा देता है जिससे हम सभी मिलकर छग को करप्शन मुक्त राज्य बना सकते है l