
‘युवाओं को आपसे प्रेरणा मिलेगी’, पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी सुमित अंतिल से PM मोदी ने फोन पर की बात
टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स (Tokyo Paralympics) में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले सुमित अंतिल से आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं. पैरालिंपिक के जैवलिन थ्रो के खिलाड़ी सुमित अंतिल ने आज देश को दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया. सुमित ने जैवलिन थ्रो की F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
पीएम मोदी ने अंतिल से कहा कि आपने देश और अपने परिवार को गौरवान्वित महसूस कराया है. युवाओं को आपसे प्रेरणा मिलेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने सुमित के साहस की सराहना की. उन्होंने कहा कि युवा सुमित से प्रेरित होंगे. सुमित अंतिल को जीत की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘हमारे एथलीट पैरालिंपिक में चमकते रहें. पैरालिंपिक में सुमित अंतिल के रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन पर देश को गर्व है. सुमित को गोल्ड मेडल जीतने के लिए बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं.’
F64 कंपटीशन में भारत को दिलाया गोल्ड
पांच बार विश्व रिकॉर्ड तोड़कर टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बावजूद भारतीय पैरा भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने कहा कि यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था और वह इससे बेहतर करके दिखाएंगे. कुश्ती से भालाफेंक में आए सुमित ने पुरूषों की एफ64 कंपटीशन में मेडल जीतकर भारत की झोली में दूसरा पीला तमगा डाला.
उन्होंने कहा , ‘यह मेरा पहला पैरालिंपिक था और प्रतिस्पर्धा कड़ी होने के कारण मैं थोड़ा नर्वस था. उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि 70 मीटर से अधिक का थ्रो जायेगा. शाायद मैं 75 मीटर भी कर सकता था. यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था लेकिन विश्व रिकॉर्ड तोड़कर मैं खुश हूं.’ मोटरसाइकिल दुर्घटना में बायां पैर गंवाने से पहले सुमित एक पहलवान थे.
उन्होंने कहा , ‘मैं बहुत अच्छा पहलवान नहीं था. मेरे इलाके में परिवार आपको पहलवानी में उतरने के लिए मजबूर करते हैं. मैंने सात आठ साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना शुरू कर दिया था और चार पांच साल तक खेलता रहा. मैं इतना अच्छा पहलवान नहीं था.’ उन्होंने कहा, ‘हादसे के बाद मेरी जिंदगी बदल गई. मैं 2015 में लोगों से मिलने स्टेडियम गया तो मैंने पैरा एथलीटों को देखा. लोगों ने कहा कि तुम्हारी कद काठी अच्छी है तो अगला पैरालिंपिक खेल सकते हो. कौन जानता है क्या पता तुम चैम्पियन बन जाओ.’ अंतिल ने कहा, ‘यह सपना सच होने जैसा है. मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं.’