
स्वयं सिद्धम् कार्यक्रम में शामिल हुई सुषमा प्रकाश नायक
होटल पुष्पक में हुआ कार्यक्रम का आयोजन
रायगढ़। सोमवार को रायगढ़ के होटल पुष्पक में स्वयं सिद्धम् कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक की धर्मपत्नी श्रीमती सुषमा नायक थी। कार्यक्रम में श्रीमती नायक ने स्वयं सिद्धम् संस्था के एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई व शुभकामनाएं दी। अपने उद्बोधन में उन्होनें वहां उपस्थित संस्था के सदस्यों व महिलाओं का उत्साह बढ़ाते हुए तारिफ की।
होटल पुष्पक में यह कार्यक्रम सुबह करीब 11ः30 बजे आयोजित था। विद्या की देवी मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलित कर अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से श्रीमती सुषमा प्रकाश नायक, श्रीमती अनिता कपूर, श्रीमती नलिनी शर्मा, उमा डियोडिया, पायल अग्रवाल, बबीता शर्मा, लता अग्रवाल सहित अन्य संस्था के सदस्यों की उपस्थिति रही। इस अवसर पर व्यूटी पार्लर के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली ब्यूटीशियनों को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्वयं सिद्धम् संस्था के एक वर्ष पूरे होने पर केक काटकर बधाई दी गई।
महिला सशक्तिकरण को मिल रहा बढ़ावा
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती सुषमा नायक ने स्वयं सिद्धम् के एक वर्ष पूर्ण होने अपनी बधाई व शुभकामनाएं दी। इसी तरह उन्होनें संस्था द्वारा महिलाओं आगे बढ़ाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि वर्तमान में महिला सशक्तिकरण को जिस तरह बढ़ावा मिल रहा व आने वाले समय के लिए बहुत अच्छा संकेत है। आगे उन्होनें कहा कि आज से ठीक एक साल पहले स्वयं सिद्धम् संस्था का ओपनिंग हुआ था और आज एक वर्ष पूर्ण हुआ है। भारत वर्ष में श्रृंगार का एक अलग महत्व रहा है हमारे पूराणों में देवी-देवताओं का जिक्र होता है उसमें खास करके देवियों का श्रृंगार का भी उल्लेख हमेशा होता है उनके आभूषणों का, उनके माथे में बिंदी का, होठों में लाली का, उनके केस सज्जा का वर्णन हमने कई बार धार्मिक पूराणों में पढ़ा है सुना है। आधुनिक युग में भी श्रृंगार का अलग महत्व है बिना श्रृंगार के नारी अधूरी है। स्वयं सिद्धम् संस्था अपने नाम के अनुरूप उपलब्धि को हासिल किया है मैं बधाई देना चाहूंगी हमारी बबिता शर्मा जी को कि आपने महिला शसक्तिकरण की ओर ध्यान दिया है। हमारी कई बच्चीयों को इस व्यूटी पार्लर में आपने प्रशिक्षित कर स्वालंबी बनाया है। इसके लिए मैं आपको साधूवाद देती हूं और मैं चाहूंगी कि आपकी इस पहल का सभी लोग अनुकरण करें। आपने मुझे इस संस्था के शुभारंभ में भी बुलाया था और आज भी मुझे यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए आपको धन्यवाद देती हूं।