क्या छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी से ‘हिंदुत्व’ का एजेंडा छीन लिया है?

रायपुर. छत्तीसगढ़ में इस वक्त राम नाम की गुंज है. हो भी क्यों ना क्योंकि भगवान राम यहां के भांचा राम है और भूपेश सरकार ने राम वनगमन पथ और चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर की चमक दोगुनी कर, ननिहाल में भव्य आयोजन भी करा रही है. कांग्रेस के इस राम प्रेम को बीजेपी जहां ढोंग बता रही है वहीं इन आयोजनों से ये साफ होता दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दुत्व की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. सरकार के इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री का ये अंदाज़ बहुत चर्चा में रहा.

 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राम भजन में मगन नजर आए. हांलाकि ऐसे वाद्य यंत्र बजाते वह पहले भी नज़र आ चुके हैं लेकिन इस बार बात कुछ और है. बीते 3 सालों के पहले कभी कांग्रेस इस तरह से राममय नज़र नहीं आई लेकिन राम वनगमन परिपथ का विकास, माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार, चुंदखुरी में भगवान राम की भव्य ऊंची प्रतिमा और राम के नाम पर ये भव्य आयोजन इस बात का सबूत है कि भूपेश सरकार पूरी तरह से राम की शरण में है और कांग्रेस को भी राम की भक्ति रास आने लगी है. हांलाकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राम के विभिन्न स्वरूपों को बताते हुए बीजेपी के राम को वोट दिलाने वाला राम बताया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंद्रखुरी में माता के मंदिर का जीर्णोद्धार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विकसित करने का काम हम कर रहे हैं. यहां शिव भक्ति भी हैं और यहां देवी भक्त भी हैं. बुद्ध भक्त भी हैं. भगवान राम यहां विराजे, उनके आने के चिह्न मिलते भी हैं.
75 स्थान हमने विकसित किए हैं. अपनी धरोहरों को हम संरक्षित करने का काम हम कर रहे हैं.
माता कौशल्या के मन्दिर को विकसित किया गया. हमारे लिए भांचा राम हैं, हम जो भी करते हैं,
सब राम नाम के साथ करते हैं. राम नामी आपने देखा होगा.

मुख्यमंत्री का ये बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अब राम की सियासत में बीजेपी का एकाधिकार नहीं रहा. बीजेपी अब तक कांग्रेस को हिन्दुत्व और राम का विरोधी बताती रही है लेकिन भूपेश सरकार के तीन साल के दौरान जो राम नाम की गूंज छत्तीसगढ़ में सुनाई दे रही है, जो ये बताती है कि कांग्रेस बीजेपी से हिन्दुत्व का एजेंडा छीनने की पूरजोर कोशिश कर रही है और काफी हद तक छत्तीसगढ़ में कामयाब भी हो गई है. हालांकि बीजेपी के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कांग्रेस के इस आयोजन को महज़ दिखावा बता रहे हैं. हांलाकि कांग्रेस अब भी सॉफ्ट हिन्दुत्व जैसे शब्दों से इंकार करते हुए भगवान राम को छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भांजे और परिवार का सदस्य बता रही है.

 

बीजेपी हो या कांग्रेस छत्तीसगढ़ में इस बात को लेकर खुली प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी है ये साबित करने में कि सबसे बड़ा राम भक्त कौन है? हांलाकि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के इस सॉफ्ट हिन्दुत्व को राष्ट्रीय परिपाटी में किस तरह से स्वीकार किया जाता है.

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