अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा:- जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत धारा भाटा हमीरपुर उड़ीसा बॉर्डर रोड में भारी मात्रा में बेलगाम चल रही भारी गाड़ीयां।। स्थानीय प्रशासन, पक्ष-विपक्ष के लचर कुसंगति से फल-फूल रहे प्राईवेट निजी वाहनों के मालिक।
धौंराभांठा हमीरपुर गुरुजी रोड की आज से 16वर्ष पूर्व 18फरवरी 2007 एवं 8मई 2007 को क्षेत्र के धरना देखकर क्षेत्र के शिक्षाविद एवं समाज सेवी एस.पी. गुप्ता ने उस समय प्रथम बार रोड़ बनवाया था । जब इस कच्ची सड़क की हालत बद् से बद्तर जर्जर हो चुकी थी, इस सड़क पर स्कूल जाने वाले 1000 से भी अधिक विद्यार्थी बच्चों को स्कूल पहुंचना दुर्गम हो गया था। बच्चे एवं शिक्षक फरवरी माह में ही कीचड़ में फंस रहे थे । 20 से अधिक बच्चे हाई स्कूल धौंराभांठा में टीसी लेने हेतु आवेदन कर चुके थे। बच्चों के उक्त शैक्षणिक समस्या को देखते हुए एस.पी. गुप्ता ने क्षेत्र के पालकों,समाजसेवियों, जनप्रतिनिधीयों, व्यापारियों के सहयोग से दिनांक 18 फरवरी 2007 को धौंराभांठा जय स्तंभ चौक में धरना दिया। क्षेत्र के सैकड़ो लोगों ने धरना को खुला समर्थन दिया एवं धरना स्थल पर ही शाम को एक करोड़ 17 लाख की स्वीकृति मिली सड़क निर्माण तत्काल हुआ एवं इस सड़क की डामरीकरण हेतु दिनांक 8 में 2007 को पुन: गुप्ता के नेतृत्व में वही जयस्तंभ चौक धौंराभांठा मेंं धरना दिया गया,धरना स्थल पर ही पुन: एक करोड़ 17 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई एवं डामरीकरण कार्य जल्दी पूरा हो गया ।
आज वही सड़क उन्हीं बच्चों एवं आम नागरिकों के लिए खतरा बन चुका है। सड़कों पर डम्पर, ट्रेलर वाहनों के रात-दिन चलने से धूल-धुआंं, ध्वनि प्रदूषण से क्षेत्र दहशत में है वही आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। लोग बेमौत मर रहे हैं इसी एक ही महीने में एक विद्यार्थी सहित दो लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन एवं स्थानीय सरपंच धौंराभांठा, खुरूषलेंगा से आग्रह की डम्पर एवं भारी वाहनों की धीमी गति चलने हेतु विभिन्न स्थानों पर बोर्ड लगाने हेतु अपील की गई है।अन्यथा अन्य स्रोतों से बोर्ड लगाई जाएगी।
क्षेत्र के लोग उस समय तत्काल सड़क के बनने से बहुत खुश थे इतने खुश थे कि इस सड़क का नाम ही गुरु जी रोड रख दिया गया।
इस रोड़ पर पिछले 12सितंबर की रात बार्डर की ओर से कोयला लोड लेकर जा रही ट्रेलर वाहन ने शारदा मंदिर के ढलान पर पिछे से आगे में चल रही ट्रेलर वाहन को ठोकर मार दिया जिससे उसी गाड़ी आगे की हिस्सा कबाड़ बनकर रोड़ के बीचोंबीच खड़ा हो गया, जिससे रात्रि में चलने वाले दो ट्रेलर वाहन आगे निकलने की कोशिश में खड़ी वाहन के आजूबाजू फंस गए जिससे पूरी तरह रोड़ दोनों ओर से जाम लग गया। जिससे सुबह स्कूलों के विद्यार्थियों को स्कूल लाने ले जाने वाले बसों को अवरोध का सामना करना पड़ा है। इस रोड़ पर हर दिन इस तरह कहीं न कहीं ट्रेलर वाहन की फंसने से आवागमन में आम जनता को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है। शासन प्रशासन इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो एक दिन जनता भड़की और इसका खामियाजा शासन-प्रशासन को चूकाना पड़ेगा।