नागपंचमी पर महादेव संग होगी सर्पों की पूजा, जानिए इसका महत्व

सावन के माह में महादेव की उपासना के साथ उनके गले में हार की भांति सुशोभित नाग देवता की आराधना का भी काफी महत्व है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन नाग भगवान की उपासना का न केवल धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी है। नाग पंचमी के दिन शिव श्रद्धालु कई प्रकार की मंगलकामनाओं के साथ कुंडली से संबंधित कालसर्प दोष को दूर करने के लिए विधि–विधान से नाग भगवान का पूजन एवं दर्शन करते हैं।

वही इस वर्ष नाग पंचमी तिथि 12 अगस्त 2021 को दोपहर 03:24 मिनट से शुरू हो कर 13 अगस्त 2021 की दोपहर 01:42 बजे तक रहेगी। ऐसे में भारत के उन सभी नाग मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचेगी, जहां पर जाकर दर्शन मात्र करने से ही सभी दोष दूर होते हैं तथा सुख–समृद्धि की प्राप्ति होती है।

वही नाग देवता की उपासना के लिए यह मंदिर विश्व भर में लोकप्रिय है क्योंकि इस मंदिर में सर्पों की हजारों मूर्तियां उपस्थित हैं। लोग इसे स्नेक टेम्पल के नाम से भी जानते हैं। केरल के अलेप्पी जिले से लगभग 40 किमी दूर स्थित यह मंदिर हरे–भरे जंगलों से घिरा हुआ है। नागों के इस महातीर्थ स्थान के बारे में प्रथा है कि अगर यहां पर आराधना करने से लोगों की सूनी गोद भर जाती है तथा स्वस्थ खूबसूरत संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही नागचंद्रेश्वर का मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में मौजूद है। यह मंदिर वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला जाता है।

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