नाबालिग को घुमाने के बहाने लूटी इज्जत, दुष्कर्मी को आजीवन कारावास

Crime News : मोटर सायकिल से घूमाने के बहाने नाबालिग बाला को जंगल ले जाकर उसकी इज्जत से खेलने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायालय ने मुल्जिम को आजीवन कारावास की सजा दी है। साथ ही दो हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है।

न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक लैलूंगा थाना क्षेत्र के ग्राम कोड़ासिया निवासी कृष्णा नागवंशी पिता विलम नागवंशी 20 वर्ष विगत 23 अक्टूबर 2020 की शाम अपनी सहेलियों के संग मन्दिर घूमने निकली एक नाबालिग युवती को मोटर सायकिल में घूमाने की बात कहते हुए अपने साथ बैठाकर जंगल ले गया और अपनी हवस का शिकार बनाया। इसके कुछ रोज के बाद यानी 20 नवंबर 2020 की शाम किशोरी घर से गायब हो गई।

जवान बेटी के लापता होने से परेशान परिवार ने खोजबीन की तो पता चला कि कृष्णा उसे भगा ले गया है। ऐसे में उन्होंने थाने की शरण ली। पुलिस ने सघन अभियान चलाते हुए पतासाजी की तो 23 नवंबर को कृष्णा के साथ नाबालिग बाला मिली। पुलिस ने किशोरी के डॉक्टरी परीक्षण करवाते हुए पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि कृष्णा शादी का झांसा देकर दो रोज तक उसकी आबरू से खिलवाड़ करता रहा । तमनार पुलिस ने भादंवि की धारा 363, 366, 376 और 6 लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत कृष्णा को गिरफ्तार करते हुए अभियोग पत्र कोर्ट में पेश किया। न्यायालय के आदेशानुसार आरोपी को रिमांड में जेल भी दाखिल कराया।

वहीं घरघोड़ा के अपर सत्र न्यायाधीश अच्छेलाल काछी ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े इस संवेदनशील प्रकरण में दोनों पक्षों की दलीलों और सभी पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए दोष सिद्ध होने पर कृष्णा नागवंशी को ताउम्र कैद की सजा सुनाते हुए 2 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दण्डित किया है। अर्थदंड की राशि नियत समय चुकता नहीं कर पाने की स्थिति में अनाचारी को 2 माह जेल में अतिरिक्त रहना होगा। इस केस में शासन की तरफ से अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

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